Move to Jagran APP

छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन रू-ब-रू होंगे HRD Minister, सीबीएसई और नीट के पाठ्यक्रम पर होगी चर्चा

छात्र-छात्राओं और अभिभावकों के ट्वीट के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री ने दस दिसंबर को वेबिनार में संवाद करने की जानकारी दी है। माना जा रहा है वेबिनार में सवाल जवाब से नीट के पाठ्यक्रम को लेकर संशय समाप्त हो जाएगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 11:39 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 11:39 AM (IST)
छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन रू-ब-रू होंगे HRD Minister, सीबीएसई और नीट के पाठ्यक्रम पर होगी चर्चा
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक वेबिनार करेंगे।

कानपुर, जेएनएन। मेडिकल काॅलेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ का पेपर कैसा आएगा, यह दस दिसंबर तक पता चल सकता है। सीबीएसई के पाठ्यक्रम कम करने पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा पर पड़ने वाले असर को लेकर छात्र छात्राओं व अभिभावकों ने ट्विटर पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सुझाव दिए हैं। इसपर एचआरडी मिनिस्टर ने आधिकारिक ट्वीट के जरिए कहा है कि बोर्ड व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं से 10 दिसंबर को वेबिनार के जरिए आॅनलाइन संवाद करेंगे। माना जा रहा है इस वेबिनार के बाद सभी संशय दूर हो जाएंगे।

prime article banner

छात्र व अभिभावकों के साथ इस संवाद में वह 12वीं के पाठ्यक्रम में 30 फीसद कोर्स घटाए जाने व उसका असर नीट के पाठ्यक्रम पर पड़ने जैसे बिंदुओं पर बात करेंगे। नीट की तैयारी कर रहे छात्र यूसुफ ने बताया कि सीबीएसई के पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कमी होने के बाद अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा के छात्रों के दिल में यह कौतूहल है कि उनका पेपर कैसा आएगा। इसका कारण यह है कि नीट में सीबीएसई का पाठ्यक्रम ही फालो किया जाता है। एम्स को छोड़कर देश के सभी मेडिकल काॅलेजों में दाखिले के लिए होने वाली इस प्रवेश परीक्षा सीबीएसई 12वीं के पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाते हैं। 12वीं का पाठ्यक्रम घटने के बाद अब यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि नीट का प्रश्न पत्र इस घटे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार किया जाएगा।

नीट की तैयारी कर रहीं छात्रा खुशी ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए योजनाबद्ध पढ़ाई जरूरी है। परीक्षार्थियों को पता होना चाहिए कि परीक्षा का प्रारूप क्या है जिससे वह अपनी सटीक तैयारी कर सकें। वास्तविक स्थिति को लेकर कई छात्र छात्राओं ने ट्वीट करके अपनी बात रखी है।

दस हजार छात्र छात्राएं होते हैं शामिल

पीपीएन डिग्री काॅलेज में एसोसिएट प्रोफेसर व छात्र छात्राओं को मेडिकल प्रवेश परीक्षा का मार्गदर्शन देने वाले वरिष्ठ शिक्षक डाॅ. एसपी सिंह ने बताया कि शहर से 10 हजार से अधिक छात्र छात्राएं इस परीक्षा में शामिल होते हैं। कोरोना वायरस के कारण छात्र छात्राओं की तैयारी सुलभ बनने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने 30 फीसद तक कोर्स कम किया गया है। इससे नीट में भी पाठ्यक्रम कम हो सकता क्योंकि सीबीएसई पाठ्यक्रम ही इस परीक्षा में लागू किया जाता है।

छात्र छात्राओं के अलावा अभिभावक व शिक्षकों ने भी ट्विटर के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्री से इस संबंध में जानकारी दिलाए जाने का निवेदन किया है। उनकी जिज्ञासा सामने आने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी ट्विीट करके कहा है कि इस पर छात्र छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपने सुझाव दे सकते हैं। इसके बाद कुछ छात्र छात्राओें व शिक्षकों ने अपने सुझाव भी दिए हैं।

एक नजर में मेडिकल काॅलेज व सीटें

  • -देश में मेडिकल काॅलेजों की संख्या: 532
  • -इन काॅलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या: 76928
  • -सरकारी मेडिकल काॅलेजों की संख्या: 272
  • -प्राइवेट मेडिकल काॅलेज व डीम्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी की संख्या: 260
  • -सरकारी मेडिकल काॅलेजों में सीटों की संख्या: 41388
  • -प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में सीटों की संख्या: 35540

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.