Kanpur Bird Flu News : चिडिय़ाघर में वन्य जीवों की खुराक बदली, अब बीमार और बुजुर्ग जानवर खाएंगे मटन
Kanpur Bird Flu News Update कानपुर प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सालय में 12 कैट प्रजाति व मांसाहारी जीवों का इलाज हो रहा है। इन जानवरों के दांत में तकलीफ ऑपरेशन व पेट खराब होने पर हल्का मांस दिया जाता रहा है। अब उन्हें गोश्त दिया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। बर्ड फ्लू के दो मामले सामने आने के बाद चिडिय़ाघर में वन्य जीवों की खुराक में बड़ा बदलाव किया गया है। बीमार व बुजुर्ग जानवरों के लिए मुर्गे की खुराक में प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब उनके सामने बकरे का गोश्त परोसा जाएगा। दांत में तकलीफ, पेट का इलाज, चोट लगने और ऑपरेशन के दायरे वाले जीवों के लिए ये व्यवस्था की गई है।
सहायक निदेशक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि जीवों की जरूरत के अनुसार उनकी खुराक में बदलाव हुआ है। शेर, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली समेत बिल्ली प्रजाति के अन्य वन्य जीवों और लकड़बग्घा के लिए चिडिय़ाघर में रोजाना 310 किलो भैंस का मीट आता है। ये मीट उन्हें दिया जाता है, जो स्वस्थ हैं और अच्छी तरह भोजन पचा सकते हैं। इसके साथ ही बीमार जीवों के लिए 10 से 12 किलो मुर्गे का मीट मंगवाया जाता था। वर्तमान में 12 वन्य जीव बीमार हैं, जिनका इलाज पशु चिकित्सालय में चल रहा है।
उन्होंने बताया कि बीमार और बुजुर्ग वन्य जीवों को अब मुर्गे की बजाय बकरे का मीट दिया जाएगा। इसके ऑर्डर दिए गए हैं, जिस पर सोमवार से मटन की आपूर्ति की गई। इस मीट को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए बाहर नहीं रखा जाएगा। इसे रखने के लिए व्यवस्था की गई है। बर्ड फ्लू के चलते कौओं व दूसरे पक्षियों से खतरा है। इस मीट को उनके चोंच मारने से बचाने के लिए ऐसा किया गया है। इसे सिर्फ कीपर बीमार वन्य जीवों को देते समय ही छू सकेंगे। जाड़े के दिनों में खुराक बढऩे को लेकर मांसाहारी जीवों की खुराक में बदलाव किया गया है। चिडिय़ाघर में 162 मांसाहारी वन्य जीव हैं।
मांसाहारी जीवों की खुराक (प्रतिकिलो में)
वन्य जीव | पहले | अब |
शेर | 10 | 12 |
मादा शेर | 8 | 10 |
बाघ | 10 | 12 |
मादा बाघ | 8 | 10 |
तेंदुआ | 3 | 4-5 |
लकड़बग्घा | 1.5 | 2.5 |