Bikru Case Update: विकास और अमर समेत छह आरोपितों के केस की जांच बंद, मुकदमों में लगाई एफआर
पुलिस बिकरू कांड के बाद दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अमर दुबे समेत छह आरोपितों को एनकाउंटर मार चुकी है। इन सभी के मामलों में विवेचना बंद करके पुलिस ने मुकदमों में लगाई फाइनल रिपोर्ट लगा दी है ।
कानपुर, जेएनएन। दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके तीन साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पुलिस की ओर से लिखाए गए मुकदमों की विवेचना आखिरकार बंद हो गई। विवेचकों ने आरोपितों के मारे जाने के कारण इन केसों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।
दो जुलाई की रात सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद तीन जुलाई की सुबह पुलिस टीमों ने बिकरू गांव के किनारे एक मंदिर के पास मुठभेड़ में विकास के रिश्तेदार प्रेमकुमार पांडेय और अतुल दुबे को मार गिराया था। इसके बाद चौबेपुर थाने में दोनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले की विवेचना काकादेव थाना प्रभारी रणबहादुर सिंह को सौंपी गई थी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि मुठभेड़ में आरोपित मारे जा चुके है। इसलिए फाइनल रिपोर्ट लगाई गई है। सात जुलाई को फरीदाबाद से पकड़े गए विकास के दूसरे साथी प्रभात मिश्रा से भी पनकी में मुठभेड़ हुई थी। मुकदमे में लिखाया गया था कि पनकी में गाड़ी का टायर पंचर होने के बाद प्रभात दारोगा की पिस्टल छीनकर भागा और उसने फायङ्क्षरग की। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
मुकदमे के विवेचक इंस्पेक्टर राजेश पाठक ने भी मुल्जिम की मौत हो जाने का हवाला देकर एफआर लगा दी। इसके बाद 10 जुलाई को उज्जैन (मध्यप्रदेश) से विकास को लाते समय सचेंडी हाईवे पर कार पलटने के बाद मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें विकास भी मारा गया था। विवेचक इंस्पेक्टर अनुराग मिश्र ने बताया कि मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है।