Bikru Case: कुख्यात विकास दुबे के पड़ोसी प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर मामले में पुलिस ने दर्ज कराए बयान
- न्यायिक अभिरक्षा में लाते समय हुई थी मुठभेड़ इसलिए चल रही न्यायिक जांच। घटना में शामिल बर्रा इंस्पेक्टर समेत चार पुलिस कर्मियों ने कोर्ट में दिए लिखित बयान। सभी से 20-20 सवाल पूछे गए थे-प्रभात कैसे गिरफ्तार हुआ? गाड़ी पंचर होने के बाद किस घटनाक्रम में वह फरार हुआ?
कानपुर, जेएनएन। कुख्यात विकास दुबे के पड़ोसी प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर मामले में मंगलवार को चार पुलिसकर्मियों ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए। चूंकि एनकाउंटर के वक्त प्रभात न्यायिक अभिरक्षा में था, ऐसे में मामले की न्यायिक जांच की जा रही है।
बिकरू कांड में विकास दुबे के बाद जो दो नाम सबसे ऊपर रहे, अमर दुबे और प्रभात मिश्रा का ही था। बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद विकास अपने भतीजे अमर दुबे और प्रभात मिश्रा के साथ ही कानपुर से भागा और फरीदाबाद पहुंचा। वहां तीनों ने शरण लेने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। बताया जाता है कि यहीं पर अमर दुबे व विकास में झगड़ा हुआ। अमर उसका साथ छोड़कर चला गया। जहां पर तीनों छिपे हुए थे, वहां पर पुलिस ने छापा मारा तो विकास फरार हो गया, मगर प्रभात मिश्रा और फरीदाबाद निवासी उसके दो सहयोगी गिरफ्तार हो गए। फरीदाबाद कोर्ट में पेश करने के बाद प्रभात को नौ जुलाई को कानपुर लाया जा रहा था। पनकी क्षेत्र में पुलिस की गाड़ी पंचर हो गई। मौके का फायदा उठाकर प्रभात ने पुलिस की पिस्टल लेकर भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया।
एसीएम द्वितीय की अदालत में मंगलवार को एनकाउंटर में शामिल प्रभारी निरीक्षक बर्रा हरमीत सिंह, चौकी प्रभारी इंडस्ट्रियल एरिया पनकी अनुज तिवारी, वाहन चला रहे एसटीएफ के ड्राइवर शील कुमार और सिपाही नरेंद्र बहादुर ने लिखित बयान कोर्ट को दिए। सभी से 20-20 सवाल पूछे गए थे-प्रभात कैसे गिरफ्तार हुआ? गाड़ी पंचर होने के बाद किस घटनाक्रम में वह फरार हुआ? पुलिस ने क्या किया और उसे किन परिस्थितियों में गोली मारी गई।