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बिकरू कांड में दोषी पुलिसकर्मियों पर चलने लगा कार्रवाई का डंडा, तबादले से पहले पूर्व डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने भेज दी थी शासन को रिपोर्ट

एसआइटी ने तत्कालीन थाना प्रभारी चौबेपुर विनय कुमार तिवारी तत्कालीन हलका प्रभारी केके शर्मा के अलावा उप निरीक्षक अवनीश कुमार सिंह अजहर इशरत विश्वनाथ मिश्रा अभिषेक कुमार कुंवर सिंह और आरक्षी राजीव कुमार को वृहद दंड की संस्तुति की थी।

By Akash DwivediEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 07:54 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:58 AM (IST)
बिकरू कांड में दोषी पुलिसकर्मियों पर चलने लगा कार्रवाई का डंडा, तबादले से पहले पूर्व डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने भेज दी थी शासन को रिपोर्ट
आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी

कानपुर (गौरव दीक्षित)। गैंगस्टर विकास दुबे के मददगार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई। पूर्व डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने तबादले से पहले पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ सजा का निर्धारण करते हुए जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। बताया जा रहा है कि शासन से जांच रिपोर्ट को हरी झंडी मिल गई है। जिन पुलिस कर्मियों को सजाएं मिली हैं, उनके खिलाफ लघु दंड के तहत जांच हुई थी। हालांकि लखनऊ में तैनात प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है।

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सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में लघु दंड के तहत मिस कंडक्ट (प्रोन्नति बाधित हो जाती है।) की सजा तय की गई है। बिकरू कांड शासन ने वरिष्ठ आइएएस संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एडीजी हरिराम शर्मा और डीआइजी जे. रवींद्र गौड़ की तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था। अक्टूबर 2020 में एसआइटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी दी थी, इसमें 37 पुलिस कर्मियों को विकास दुबे का मददगार बताया गया था।

इसमें आठ को वृहद दंड, छह को लघु दंड व 23 पुलिस कर्मियों को जांच के बाद कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। लघु दंड पाने वालों में बजरिया चौकी प्रभारी प्रभारी निरीक्षक राममूर्ति यादव, लखनऊ में तैनात प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार पांडेय, और चौबेपुर में तैनात उप निरीक्षक दीवान सिंह, मुख्य आरक्षी लायक सिंह और सिपाही विकास कुमार और कुंवर पाल सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें अंजनी कुमार के खिलाफ जांच लखनऊ स्तर से चल रही थी, अन्य पांचों के खिलाफ जांच पूर्व डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह कर रहे थे। उन्होंने दंड तय कर दिए। उनकी रिपोर्ट में कोई भी सीधे विकास दुबे को मदद करने का आरोपित नहीं है, बस कर्तव्य में लापरवाही का आरोपित माना गया है। पूर्व डीआइजी ने सजा का निर्धारण कर जांच रिपोर्ट शासन को भेजने की पुष्टि की है।

गौरतलब है, बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को विकास दुबे के गुर्गों ने दबिश डालने आई पुलिस टीम पर हमला बोल दिया था। ताबड़तोड़ गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा सहित आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी।

वृहद दंड की जांचें लटकीं : एसआइटी ने तत्कालीन थाना प्रभारी चौबेपुर विनय कुमार तिवारी, तत्कालीन हलका प्रभारी केके शर्मा के अलावा उप निरीक्षक अवनीश कुमार सिंह, अजहर इशरत, विश्वनाथ मिश्रा, अभिषेक कुमार, कुंवर सिंह और आरक्षी राजीव कुमार को वृहद दंड की संस्तुति की थी। इनकी भी जांच डीआइजी कर रहे थे। अब कमिश्नरेट होने के बाद इनकी जांच फंस गई है। माना जा रहा कि अब यह जांचें पुलिस अधीक्षक कानपुर आउटर को स्थानांतरित होंगी। 


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