कानपुर में बड़ी ठगी का राजफाश, शातिर ठगों ने दिल्ली में भी दो बैंकों भी बनाया था शिकार
कानपुर में नकली सोने के जेवर देकर बैंकों से गोल्ड लोन लेने के मामले में पकड़े गए शातिरों से पुलिस को जानकारी मिली है। दिल्ली निवासी वैल्यूअर भी अब कलक्टरगंज थाने में तहरीर देंगे। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। बिरहाना रोड स्थित बैंक में नकली सोने के जेवर गिरवी रखकर 8.14 लाख रुपये लोन लेने वाले दोनों शातिरों ने दिल्ली के दो बैंकों से करीब 15 लाख रुपये की टप्पेबाजी की थी। तब आरोपितों के साथ कार में महिला भी थी। गुरुवार को उन बैंकों के वैल्यूअर ने कलक्टरगंज थाने को इसकी जानकारी दी। जल्द ही वे शहर आकर आरोपितों के खिलाफ तहरीर भी देंगे। इधर, पुलिस गिरोह के उन सदस्यों का पता लगाने में जुटी है, जो नकली हॉलमार्क वाले जेवर बना रहे हैं।
आइसीआइसीआइ बैंक शाखा बिरहाना रोड के प्रबंधक अनुराग तिवारी ने चार जनवरी को सुजातगंज निवासी मो. सिराजुद्दीन और साउथ दिल्ली के ओखला निवासी रहीसुद्दीन मलिक के खिलाफ धोखाधड़ी कर बैंक से दो बार में 8.14 लाख रुपये गोल्ड लोन लेने के आरोप में मुकदमा लिखाया था। तहरीर के मुताबिक, आरोपितों ने पहले 22 दिसंबर को 54.94 ग्राम सोने के आभूषण देकर 2.02 लाख रुपये और फिर 28 दिसंबर को 181.61 ग्राम जेवर देकर 6.12 लाख रुपये लोन लिया था। चार जनवरी को बैंक ने गोल्ड लोन का ऑडिट कराया तो सोने के आभूषण फर्जी निकले। चार जनवरी को आरोपित दोबारा कार से पहुंचे तो बैंक कर्मियों ने उन्हें पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया था।
गुरुवार को दिल्ली निवासी दो सराफा कारोबारी और बैंकों के वैल्यूअर ने भी कलक्टरगंज पुलिस से संपर्क करके बताया कि आरोपितों ने दिल्ली की दो बैंकों से भी इसी तरह नौ लाख रुपये व छह लाख रुपये का लोन लिया था। उन्होंने वहां भी हॉलमार्क वाले जेवर गिरवी रखे थे, जो जांच में फर्जी पाए गए। थाना प्रभारी राजेश पाठक ने बताया कि नकली जेवर गिरवी रखकर लोन लेने वाला एक संगठित गिरोह प्रतीत हो रहा है। बरामद कार गाजियाबाद के अमित शर्मा नामक व्यक्ति की है। उसकी तलाश भी की जा रही है।