ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करके सगे-संबंधियों को दी नौकरी, सामने आया सपा सरकार में सहकारी बैंक भर्ती घोटाला
सहकारी बैंक में भर्ती के मामले की जांच कर रही एसआइटी को प्रमाण मिले हैं जिसमें ओएमआर शीट में छेड़छाड़ करके सगे-संबंधी को भर्ती करने की बात सामने आ रही है। नौ माह से दबी रिपोर्ट अब बाहर आई है।
कानपुर, [राजीव सक्सेना]। सपा शासनकाल में प्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में अपने करीबियों व सगे-संबंधियों की भर्ती की गई थी। भर्ती किए गए 2,324 लोगों में से 90 फीसद की आप्टिकल मार्क रिकग्नीशन (ओएमआर) शीट में छेडख़ानी के निशान मिले हैं। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) के पुलिस उप महानिरीक्षक की जांच में गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद 12 जनवरी, 2022 को अपर आयुक्त व अपर निबंधक बैंङ्क्षकग सहकारिता उत्तर प्रदेश आरके कुलश्रेष्ठ ने सभी जिला सहकारी बैंकों के सचिव, मुख्य कार्यपालक को तुरंत कार्रवाई कर शासन को जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। आरोपितों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। ये भर्तियां एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2017 के बीच की गई थीं।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव ने जिला सहकारी बैंक में भर्तियों के लिए 49 विज्ञापन निकाले थे। इसमें 40 विज्ञापन की भर्तियां की गईं और नौ की नहीं हुईं। कुल 2,343 पदों की जगह 2,324 पर भर्ती हुई। कई शिकायतों पर एसआइटी जांच शुरू हुई। जांच में ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है। पता चला कि जिन अभ्यर्थियों को असफल करना था, उनकी ओएमआर शीट पर एक से ज्यादा गोले बनाए गए। वहीं, सफल करने वालों की ओएमआर शीट पर गोले सही किए गए। अलग-अलग तरीके से गोले बनाने के पैटर्न भी मिले।
सेवा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव ने रामप्रवेश यादव की कंप्यूटर एजेंसी एक्सिस डिजिनेट टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड को बिना किसी विज्ञापन, टेंडर, कोटेशन की प्रक्रिया का पालन किए अनियमित व नियम विरुद्ध तरीके से परीक्षा कंप्यूटर एजेंसी नियुक्त किया। फिर गड़बड़ी की गई। तत्कालीन सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव ने मिलीभगत कर मनमाने तरीके से नंबर बढ़ाए और घटाए।
अब सेवामंडल के तत्कालीन अध्यक्ष रामजतन यादव, तत्कालीन सचिव राकेश कुमार मिश्रा, सदस्य संतोष कुमार श्रीवास्तव, कंप्यूटर एजेंसी के संचालक रामप्रवेश यादव के साथ ही अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना, साक्ष्य छिपाने और षडय़ंत्र करने की धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने की संस्तुति की गई है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में नौ मार्च, 2021 को बैठक हुई थी, जिसमें अपर मुख्य सचिव सहकारिता एमवीएस रामी रेड्डी, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद एक माह में कार्रवाई कर सूचना देने के निर्देश विशेष सचिव आरपी ङ्क्षसह ने दिए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ था।
इन पदों पर की गई थीं भर्तियां : वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, कनिष्ठ शाखा प्रबंधक, प्रोग्रामर कम डाटा इंट्री आपरेटर, लिपिक, कैशियर, टंकक, प्रबंधक, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक (तकनीकी) व कनिष्ठ शाखा प्रबंधक (तकनीकी)।