Big Scam in Kanpur : 45 अधिकारियों ने की दोबारा जांच, फिर सामने आए फर्जी लाभार्थी
शादी अनुदान में 702 और पारिवारिक लाभ योजना में 1106 लाभार्थीयों के पते जांच के दौरान गलत मिले थे। 409 लाभार्थी अपात्र पाए गए थे। इसी मामले में समाज कल्याण अधिकारी निलंबित किए गए और 19 लेखपालों व एक लिपिक का निलंबन हुआ।
कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना की जांच कर रहे 45 अधिकारी सोमवार को डीएम आलोक तिवारी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप सकते हैं। इसके आधार पर ही पता चलेगा कि वास्तव में कितने लाभार्थियोंका पता गलत है। फिलहाल दोबारा जांच कर रहे सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक की जांच रिपोर्ट में 40 लाभार्थी का पता गलत मिला है। पूर्व की जांच में भी इनके पते गलत मिले थे। दोबारा जांच समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव के रवींद्र नायक के आदेश पर की जा रही है।
शादी अनुदान में 702 और पारिवारिक लाभ योजना में 1106 लाभार्थीयों के पते जांच के दौरान गलत मिले थे। 409 लाभार्थी अपात्र पाए गए थे। इसी मामले में समाज कल्याण अधिकारी निलंबित किए गए और 19 लेखपालों व एक लिपिक का निलंबन हुआ। समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव ने डीएम से गलत पते वाले लाभार्थियों की दोबारा जांच के लिए कहा तो उन्होंने 45 अधिकारियों की टीम गठित की। फिलहाल सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक केएन ओझा ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके मुताबिक उनके द्वारा जिन 40 लाभार्थियों की जांच की गई है उन सभी के पते तमाम प्रयास के बाद भी गलत मिले हैं। चंद्रनगर के अभिषेक भारती, कीॢत वर्मा, जवाहरलाल नगर की लक्ष्मी वाल्मीकि, किदवई नगर के मुन्ना लाल, नौघड़ा के प्रेम कुमार ने शादी अनुदान योजना का लाभ लिया है। जांच के दौरान उन सभी के पते जांच अधिकारी को नहीं मिले। भन्नानापुरवा की राधा, गिरिजा नगर पीएसी लाइन की अन्नू मिश्रा आदि ने पारिवारिक लाभ योजना के लाभ के लिए अनुदान लिया था, लेकिन उनके पते भी गलत मिले।
आज तहसीलदार और लेखपालों पर होगा मुकदमा : तहसीलदार रहे अतुल सचान और 19 लेखपालों के विरुद्ध सोमवार को मुकदमा दर्ज किया जाएगा। शनिवार को डीएम ने आदेश दिया था, लेकिन रविवार को अवकाश होने की वजह से मुकदमे के लिए तहरीर नहीं दी जा सकी।
तीन तहसीलदार और और चार नायब तहसीलदार भी दोषी : घोटाले में सिर्फ लेखपाल ही नहीं बल्कि कानूनगो, नायब तहसीलदार और तहसीलदार भी दोषी हैं। अभी तक सिर्फ एक तहसीलदार अमित गुप्ता और दो नायब तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है, जबकि तीन तहसीलदार और चार नायब तहसीलदार इस मामले में दोषी हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने भी लेखपालों द्वारा जिन्हेंं अपात्र किया गया था उन्हेंं पात्र कराकर फाइल आगे भेजी गई।
इनका ये है कहना
- मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहसीलदार से कहा है। साथ ही जो लेखपाल बहाल किए गए थे उनकी बहाली का आदेश रद कर दिया गया है। ऐसे में अब वे दोबारा निलंबित माने जाएंगे। - दीपक पाल, एसडीएम