लाल इमली के 540 अफसर और कर्मियों को मिलेगा वीआरएस, बीआइसी की सभी तैयारियां पूरी
Kanpur Lal Imli लाल इमली में इस समय 540 अधिकारी और कर्मचारी हैं । इसमें 40 अधिकारी हैं और बाकी 500 कर्मचारी हैं। बीआइसी के चेयरमैन ने लाल इमली कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाया है ।
कानपुर,जागरण संवाददाता। ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआइसी) अपने सभी 540 अधिकारियों और कर्मचारियों को ऐच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का पैकेज देने जा रहा है। इन सभी का वेतन और भत्तों के रूप में पुराना बकाया भी दे दिया जाएगा। इसके साथ ही लाल इमली का पूरा स्टाफ खत्म हो जाएगा और उसके बाद इसकी जमीन का इस्तेमाल शहर के विकास कार्यों से जुड़ी चीजों के लिए किया जाएगा।
लाल इमली में इस समय 540 अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें 40 अधिकारी हैं और बाकी 500 कर्मचारी हैं। बीआइसी ने इन सभी का कितना बकाया है और इन्हें वीआरएस के साथ कितना देना होगा, इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली है जो फिलहाल कपड़ा मंत्रालय के पास है। अधिकारियों के मुताबिक यह वीआरएस का पैकेज जल्दी ही सभी के लिए दे दिया जाएगा। 37 माह का बकाया वेतन और 36 माह का ही बोनस देना बाकी है। इसके अलावा कर्मचारियों का अवकाश नकदीकरण भी दिया जाना है।
कर्मचारी संगठन को दिल्ली बुलाया
बीआइसी के चेयरमैन ने लाल इमली कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाया है। उनके साथ शुक्रवार को वार्ता होनी है। इसे देखते हुए कर्मचारी संगठन ने अपना मांग पत्र चेयरमैन को भेज दिया है। साथ ही वे अध्यक्ष अजय सिंह के नेतृत्व में कानपुर से रवाना हो गए हैं।
इन मुद्दों पर प्रंबधन से आज होगी चर्चा
- वीआरएस, वीएसएस, क्लोजर की प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को क्या पैकेज दिया जा रहा है, इसकी जानकारी संगठन को दी जाए।
- पिछले 37 माह का बकाया वेतन दिया जाए।
- पिछले तीन वर्ष का बकाया बोनस दिया जाए।
- 2013 से बकाया अवकाश नकदीकरण दिया जाए।
- 2017 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाए।
- बिना वेतन, ग्रेच्युटी दिए मकान खाली करने को कहा जा रहा है और 150 रुपये रोज डैमरेज लिया जा रहा है। इसे रोका जाए।
फिलहाल अटका अवैध कब्जे हटाने का अभियान
बीआइसी प्रबंधन फिलहाल लाल इमली के अधिकारियों, कर्मचारियों को वीआरएस पैकेज देने की तैयारी में लगा है। इसलिए अवैध कब्जे हटाने का अभियान फिलहाल टाल दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक हर बार इन कब्जों को हटाने में वेतन और ग्रेच्युटी का मुद्दा फंसता है। सबके भुगतान करने के बाद अवैध कब्जों को खाली कराना ज्यादा आसान होगा।