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सेहत बनाने वाले दूध में की जा रही मिलावट, कर रहा बीमार

खुले दूध के हर दस में से चार नमूने हो रहे फेल, डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बावजूद नहीं जाग कर खाद्य एवं औषधि प्रशासन।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 11:32 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 11:32 PM (IST)
सेहत बनाने वाले दूध में की जा रही मिलावट, कर रहा बीमार
सेहत बनाने वाले दूध में की जा रही मिलावट, कर रहा बीमार

कानपुर, जागरण संवाददाता। सेहत के लिए सबसे अच्छा आहार माने जाने वाले सफेद दूध में मिलावट का काला कारोबार हो रहा है। शहर में मांग ज्यादा और उत्पादन कम होने से मिलावट के मामले काफी बढ़ गए हैं। खुले दूध के हर दस में से छह-सात नमूने फेल हो रहे हैं। मिलावटी दूध उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर डाल रहा है। सोडा और अन्य दूसरे रासायनिक पदार्थो की मिलावट गंभीर बीमारियों का शिकार बना रही है। डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट की मानें तो भारत में मिलने वाला ज्यादातर दूध मिलावटी है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शिकार बना सकता है।

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नगर में 6.60 लाख लीटर की खपत

जनपद के नगरीय क्षेत्रों में प्रतिदिन 6.60 लाख लीटर दूध की खपत होती है। इसमें पॉली पैक दूध से 4.50 लाख लीटर की जरूरत पूरी कर ली जाती है, जबकि 2.10 लाख लीटर खुला दूध बिकता है।

हर दस में चार नमूने फेल

खाद्य विभाग के अभिहित अधिकारी विजय प्रताप सिंह के मुताबिक प्रतिमाह अभियान चलाकर दूध के 25-30 नमूने भरे जाते हैं। इसमे करीब 40 फीसद नमूने फेल हो जाते हैं। पांच फीसद असुरक्षित होते हैं जिनके खिलाफ मुकदमा कराया जाता है।

खुले दूध के नमूने ज्यादा फेल

विभागीय अधिकारी बताते हैं कि खुले दूध के नमूने ज्यादा फेल होते हैं। इसका आंकड़ा दस में छह से सात नमूने फेल होने का है। इसका बड़ा कारण ये है कि विक्रेता क्रीम निकालकर दूध बेचते हैं। इसे पूरा करने के लिए रासायनिक पदार्थ मिलाते हैं।

ऐसे करें जांच

-मिलावट होने पर दूध का रंग हल्का पीला दिखाई देता है

-गर्म करने पर हल्का लाल या पीला हो जाता है

-सिंथेटिक दूध है तो सूंघने पर दूध जैसी गंध नहीं आएगी

-हथेली पर दूध लेकर रगड़ने से झाग निकलता है

-लैक्टोमीटर से पानी की मिलावट जांची जा सकती है।

सिंथेटिक दूध में यह होती है मिलावट

-सोडियम कार्बोनेट

-सोडियम बाइ कार्बोनेट

-पोस्टर कलर सफेदा

-फैट के लिए वनस्पति

-सुगर के लिए ग्लूकोज

इस वर्ष 23 में दूध से जुड़े 12 नमूने असुरक्षित

इस वित्तीय वर्ष में 23 नमूने असुरक्षित पाए गए हैं। इसमे पांच खोया के, एक दूध का, छह नमूने दूध से बनी मिठाईयों के हैं। इनके खिलाफ महानगर मजिस्ट्रेट के यहां वाद दर्ज कराया गया है।

अब तक हुई कार्रवाई

2435 जगह निरीक्षण किया गया

336 औचक छापे मारे गए

431 नमूने जांच के लिए भरे

127 सबस्टैंडर्ड नमूने मिले

23 असुरक्षित पाए गए

252 मुकदमे दर्ज कराए गए

50 में एडीएम सिटी ने फैसला किया।

14,25,000 जुर्माना वसूला गया

8 के खिलाफ आरसी जारी हुई

नमूना फेल होने पर सजा

- दूध का नमूना असुरक्षित मिलने पर छह माह उम्रकैद तक सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना

-सबस्टैंडर्ड होने पर पांच लाख तक जुर्माना

-मिथ्याछाप पर तीन लाख तक जुर्माना

-नियम अनदेखी पर दो लाख तक जुर्माना

-स्वच्छता न पाए जाने पर दो लाख तक जुर्माना

-बिना पंजीकरण बिक्री करने पर दो लाख तक जुर्माना

-बिना लाइसेंस बिक्री पर छह माह कैद, पांच लाख तक जुर्माना


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