कोरोना की तीसरी वेव से पहले कानपुर के डफरिन अस्पताल में तैयार हो रहा 20 बेड का एसएनसीयू
डफरिन में अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक में 20 बेड का एसएनसीयू तैयार किया जा रहा है। उर्सला अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. जीएन द्विवेदी की देखरेख में तैयार किया जा रहा है। जहां पांच साल से कम उम्र के छोटे बच्चों को भर्ती किया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए छोटे बच्चों के इलाज की मुकम्मल तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन के आदेश पर जिला महिला अस्पताल डफरिन में 20 बेड का सिक एंड न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) तैयार किया जा रहा है। अगर तीसरी लहर आती है तो छोटे बच्चों को यहीं पर भर्ती कर उनका इलाज किया जाएगा।
डफरिन में अस्पताल के न्यू ओपीडी ब्लाक में 20 बेड का एसएनसीयू तैयार किया जा रहा है। उर्सला अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. जीएन द्विवेदी की देखरेख में तैयार किया जा रहा है। जहां पांच साल से कम उम्र के छोटे बच्चों को भर्ती किया जाएगा। उसके लिए 20 अत्याधुनिक बेड, वेंटिलेटर, फोटोमेट्री मशीनें मंगाई जा रही हैं। उर्सला अस्पताल के डीएनबी इन पीडियाट्रिक के जूनियर रेजीडेंट (जेआर) बच्चों की देखरेख में लगाए जाएंगे। उर्सला अस्पताल में डीएनबी इन पीडियाट्रिक की चार सीटें भी मिल चुकी हैं।
डफरिन में 20-25 प्रसव: डफरिन अस्पताल में नियमित 20-25 प्रसव होते हैं। नवजात को जटिलता होने पर जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग के एसएनसीयू लेकर भागना पड़ता है। कई बार जाम की वजह से नवजात रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। कई बार उन्हें वहां बेड नहीं मिलता तो निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। अस्पताल में एसएनसीयू बनने से राहत मिलेगी।
इनका ये है कहना:
डफरिन में 20 बेड का एसएनसीयू का काम तेजी से चल रहा है। उपकरण भी मंगा लिए गए हैं। एसएनसीयू बनने के बाद जेआर को जहां पढ़ाई में मदद मिलेगी, वहीं बच्चों को बेहतर इलाज मिलेगा। - डा. जीएन द्विवेदी, विभागाध्यक्ष, बाल रोग, उर्सला अस्पताल।