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कानपुर की कचहरी में फायरिंग के बाद अब हथियार लाने पर लगी रोक, बार एसोसिएशन का फैसला

कानपुर की कचहरी में पहली बार जमीन के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हवाई फायरिंग से दहशत फैल गई। इस घटना को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है वहीं बार एसोसिएशन ने भी घटनाएं रोकने के लिए रणनीति बनाने की तैयारी की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 11:51 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 11:51 AM (IST)
कानपुर की कचहरी में फायरिंग के बाद अब हथियार लाने पर लगी रोक, बार एसोसिएशन का फैसला
कानपुर कचहरी में हुई घटना में अब बार एसोसिएशन दिखाएगा सख्ती।

कानपुर, जेएनएन। कचहरी में अब अदालती कार्य ही नहीं जमीनों की खरीद-फरोख्त के सौदे भी हो रहे हैं। जमीनों पर कब्जों को लेकर विवाद भी खूब होते हैं, अब जब वकीलों के बीच फायरिंग की घटना ने साख पर सवालिया निशान लगा दिया। घटना का संज्ञान लेकर बार एसोसिएशन ने कचहरी परिसर में असलहे लाने पर रोक लगा दी है। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने की रणनीति बनाने पर विचार किया जा रहा है।

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कचहरी परिसर में हथियार लाने पर लगी रोक

कानपुर कचहरी में पहली बार है जब वकीलों के बीच आमने-सामने हवाई फायरिंग की घटना हुई है। अधिवक्ताओं का मानना है कहीं जमीनों को लेकर हो रहे कब्जे और उनका विवाद खूनी न बन जाए। कचहरी परिसर में हथियारों को लाने पर प्रतिबंध है, इसके बाद भी लोग हथियार लेकर आते हैं। बार एसोसिएशन के महामंत्री ने बताया कि सोमवार को घटना के बाद बार एसोसिएशन में पदाधिकारी और पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक हुई। तय हुआ है कि अब कोई भी असलहा के साथ कचहरी में प्रवेश नहीं कर पाएगा। एसपी पूर्वी शिवाजी ने बताया कि पदाधिकारियों के साथ इस पर बात हुई है। मंगलवार से कचहरी के प्रवेश द्वार पर सख्ती से इसे रोका जाएगा।

क्या हुई थी घटना

मवइया में जमीन विवाद पर सोमवार को वकीलों के दो पक्ष आमने सामने आ गए। विवाद हल करने के लिए हुई पंचायत के बाद जब बात नहीं बनी तो एक पक्ष ने कई राउंड फायर किया, जिसका जवाब दूसरे पक्ष ने दिया। गोली जरूर हवा में चलीं, लेकिन दहशत वकीलों में साफ दिख रही थी। कचहरी में अंदर तो ऐसा पहली बार हुआ, लेकिन शहर में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें जान पर तक बन आई। परमट में चार साल पहले रंजिश में ऐसी ही घटना हुई, जिसमें अधिवक्ता सुनील को गोली लगी थी।

जनवरी 2020 में रमईपुर में जमीन पर कब्जा करने को लेकर विवाद हुआ। कब्जा करने गए वकीलों पर क्षेत्रीय लोग भारी पड़े। गोलियां चलीं, जिसके बाद वकीलों को पीछे हटना पड़ा। चार साल पहले बिठूर में जमीन की पैरोकारी को लेकर तहसील के पास वकीलों के दो पक्षों में विवाद हुआ। एक अधिवक्ता का रिवाल्वर के साथ वीडियो वायरल हुआ। जून 2020 में एक अधिवक्ता की चकेरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या की सुपारी दी गई थी। यहां भी करोड़ों की जमीन का लेनदेन विवाद था।

  • कचहरी में ऐसी घटनाएं शर्मनाक हैं। गोलीबारी में कोई भी अप्रिय दुर्घटना हो सकती थी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कचहरी में मंगलवार से हथियारों को लाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। -राकेश तिवारी, महामंत्री बार एसोसिएशन

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