कानपुर में संक्रमण से बचने को संभलकर एटीएम का चयन कर रहे लोग, यहां पढ़िए पूरी खबर
कोरोना के दौरान लोग हर उस चीज से बच रहे हैं जिसमें दूसरे के हाथ लगे हों। लिफ्ट को कोरोना के दौरान जिस तरह लोगों ने इस्तेमाल करना कम कर दिया है उसी तरह एटीएम को लेकर भी संवेदनशीलता है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के दौरान बैंकों ने अपनी कार्य की अवधि दो घंटे घटा दी है। हालांकि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद से ज्यादातर लोगों ने बैंक शाखाओं में जाना भी कम कर दिया है। अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से बैंक में पहुंचने वाले ग्राहकों की संख्या बहुत कम हो गई है। इन खाताधारकों ने अब एटीएम का इस्तेमाल ज्यादा शुरू किया लेकिन अधिकांश खाताधारक उन एटीएम से रुपये निकालने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जहां गार्ड तैनात हैं क्योंकि वे कार्डधारकों को अंदर जाने से पहले उनके हाथ सैनिटाइज करा रहे हैं। इस वजह से ग्राहकों को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में एटीएम की तलाश में भटकते हुए देखा जा रहा है।
कोरोना के दौरान लोग हर उस चीज से बच रहे हैं जिसमें दूसरे के हाथ लगे हों। लिफ्ट को कोरोना के दौरान जिस तरह लोगों ने इस्तेमाल करना कम कर दिया है, उसी तरह एटीएम को लेकर भी संवेदनशीलता है क्योंकि इसके की पैड पर लोगों की अंगुलियां लगातार लगती रहती हैं। की पैड को अपनी अंगुलियों से छूना ना पड़े, इसके लिए बहुत से कार्डधारक हाथों में गल्ब्स पहनकर एटीएम आॅपरेट करते हैं, लेकिन कई एटीएम को उसकी स्क्रीन से आॅपरेट किया जाता है। ऐसे में स्क्रीन को एक ही स्थान पर सभी ग्राहकों को टच करना मजबूरी होती है। एेसे ही कई कारणों से लोग उन एटीएम तक जाना ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं जहां गार्ड तैनात हों।
इनका ये है कहना: वी बैंकर्स के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष कुमार मिश्रा के मुताबिक स्टेट बैंक के एटीएम में गार्ड तैनात रहते हैं, इसलिए बहुत से कार्डधारक कार्ड किसी भी बैंक का हो, वे स्टेट बैंक के एटीएम की तलाश करते हैं ताकि की पैड सुरक्षित होने की उम्मीद रहे। बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम में भी गार्ड हैं लेकिन सभी में नहीं।