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India Vs New Zealand: ग्रीनपार्क में टेस्ट मैच में पहली बार नहीं दिखेंगे बाल पिकर्स, जानें- क्यों हुआ ये बदलाव

कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम से होटल तक बायो-बबल का घेरा बनाया गया है जिसके अंदर ही भारतीय और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी रहेंगे। इसके चलते बीसीसीआइ के नियमों के तहत एसोसिएशन बाल पिकर्स पर प्रतिबंध का निर्णय ले सकती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 07:52 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 07:52 AM (IST)
India Vs New Zealand: ग्रीनपार्क में टेस्ट मैच में पहली बार नहीं दिखेंगे बाल पिकर्स, जानें- क्यों हुआ ये बदलाव
कानपुर में भारत बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट मैच की तैयारी।

कानपुर, जेएनएन। ग्रीनपार्क स्टेडियम में 25 से 29 नवंबर के बीच भारत व न्यूजीलैंड के बीच होने वाले टेस्ट मैच में पहली बार बाल पिकर्स नहीं दिखेंगे। बीसीसीआइ ने खिलाडिय़ों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए गेंद को किसी अन्य व्यक्ति द्वारा न छूने देने का नियम बनाया है। इस नियम के तहत उप्र क्रिकेट एसोसिएशन ग्रीनपार्क में होने वाले टेस्ट मैच में बाल पिकर्स पर रोक लगा सकता है।

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बायो बबल के घेरे में रहेंगे खिलाड़ी : बाल पिकर्स को हटाने की योजना खिलाडिय़ों को बायो-बबल घेरे में रखने के चलते बनाई जा रही है। इस घेरे का उपयोग भारत और न्यूजीलैंड के खिलाडिय़ों के लिए स्टेडियम से होटल तक के लिए और मैच के दौरान किया जाएगा। संक्रमण काल के बाद से शुरू हुए क्रिकेट को लेकर बीसीसीआइ ने कई मुकाबलों में गेंद को किसी और के संपर्क में आने से बचाने के लिए यह नियम बनाया है,जिसे ग्रीनपार्क टेस्ट में लागू किया जा सकता है। खिलाडिय़ों के शहर पहुंचते ही उन्हें बायो बबल वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।

इसमें टीम के सपोर्ट स्टाफ के साथ होटल, सुरक्षाकर्मी, ड्राइवर सहित अन्य सभी जो मैच के दौरान खिलाडिय़ों के संपर्क में आ सकते हैं उनकी अन्य स्टाफ के साथ सबसे पहले जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही खिलाडिय़ों को अभ्यास सत्र के लिए स्टेडियम में भेजा जाएगा। कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के महाप्रबंधक दिनेश कटियार ने बताया कि बीसीसीआइ के नियमों के चलते यूपीसीए मुकाबलों में बाल पिकर्स को हटा सकता है। इस पर अंतिम फैसला मैच रेफरी व बीसीसीआइ करेगा।

क्या है बायो-बबल : यह एक ऐसा वातावरण है, जिसमें कोरोना टेस्ट से होने के बाद ही शामिल किया जाता है। इसमें रहने वालों का बाहरी दुनिया से सीधा कोई संपर्क नहीं हो पाता है। वे बायो-बबल घेरे में आने वालों के अलावा किसी से भी नहीं मिल सकते हैं।


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