Ayodhya Ram Mandir: पुलिस जीप को मंच बना सरकार पर बरसे थे दत्तोपंत ठेंगड़ी, जेल में आसमान के नीचे काटी थी रात
राम मंदिर आंदोलन के समय भारतीय मजदूर संघ स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की कानपुर से गिरफ्तारी हुई थी।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कानपुर से गिरफ्तारी दी थी। उत्साह इतना था कि गिरफ्तार करने के लिए लाई गई पुलिस जीप को ही उन्होंने मंच बना लिया था और उसके पायदान पर खड़े होकर सरकार के खिलाफ गरजे थे। उन्हें और साथियों को गिरफ्तार कर फतेहगढ़ जेल ले जाया गया, जहां पहली रात उन्हें खुले में ही सोना पड़ा। जेल में वह पदाधिकारियों संग बैठक करने लगे तो अगले ही दिन उन्हें एक अलग गेस्ट हाउस में पहुंचा दिया गया।
ठेंगड़ी को अक्टूबर 1990 में कानपुर में गिरफ्तारी देनी थी। उनके साथ गिरफ्तारी देने वाले विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष रहे डॉ. रमेशचंद्र शर्मा बताते हैं कि वह एक दिन पहले ही कानपुर आ गए थे और विष्णुपुरी में रुके थे। नवीन मार्केट से जुलूस निकाल कर गिरफ्तारी देनी थी लेकिन ठेंगड़ी के वहां पहुंचने से पहले सभी को अलग-अलग रहना था। सबके वेश बदले थे। ठेंगड़ी के आते ही सभी नारेबाजी करते वहां पहुंचे। उनके स्वागत के बाद जुलूस नवीन मार्केट के पीछे की सड़क से चल दिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) कार्यालय के सामने कोतवाली पुलिस भी आ गई। डॉ. शर्मा के मुताबिक पुलिस ने गिरफ्तारी की बात की तो साफ कहा गया कि उनके ट्रक में दत्तोपंत ठेंगड़ी नहीं बैठेंगे।
इस पर पुलिस की जीप लाई गई तो ठेंगड़ी ने जीप के पायदान पर खड़े होकर करीब पांच मिनट भाषण दिया। इसके बाद उनके साथ कुछ लोग जीप में बैठ गए। बाकी लोगों को पुलिस अन्य साधनों से ले गई। सभी को पनकी थाने ले जाया गया। करीब 50 लोगों ने गिरफ्तारी दी थी। वहां उन्हें रात 10 बजे तक खुले में बैठाया गया। रात में बस से सभी को फतेहगढ़ जेल ले जाया गया।
रात डेढ़ बजे वे सेंट्रल जेल पहुंचे, वहां उन्हें खुले में एक कंबल के सहारे सोने को कहा गया। जेल में पहले से ही संघ और विहिप कई बड़े पदाधिकारी बंद थे। सुबह लोगों को जानकारी मिली तो वे लोग ठेंगड़ी को बैरक में ले गए। ठेंगड़ी ने जेल में ही पदाधिकारियों की बैठकें शुरू कर दीं। जानकारी पर जेल प्रशासन ने उन्हें अलग गेस्ट हाउस में रखा। हालांकि सात दिन बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया।
साध्वी ऋतंभरा ने भी उसी दिन दी थी गिरफ्तारी
अपने भाषणों के लिए चर्चित फायर ब्रांड साध्वी ऋतंभरा ने भी उसी दिन कानपुर में गिरफ्तारी दी थी। जिस समय ठेंगड़ी को पनकी थाने ले जाया गया, दुर्गावाहिनी की संयोजक शकुंतला दुबे व कई महिलाएं ऋतंभरा के साथ वहां पहले से मौजूद थीं। उन लोगों को भी रात में फतेहगढ़ जेल ले जाया गया था।