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भाजपा के चुनावी अस्त्र बनेंगे राम मंदिर, राष्ट्रवाद, कानून-व्यवस्था, बयानों में मिल रहे संकेत

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में कांग्रेस और सपा का जिक्र किए बिना परिवारवाद पर तंज कसे तो कथित किसान नेताओं की मंशा को बेनकाब करने की कवायद दिखी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 08:54 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 08:54 AM (IST)
भाजपा के चुनावी अस्त्र बनेंगे राम मंदिर, राष्ट्रवाद, कानून-व्यवस्था, बयानों में मिल रहे संकेत
कानपुर के बूथ सम्मेलन में दिखी चुनावी तैयारी।

कानपुर, [राजीव द्विवेदी]। गोरखपुर के बाद कानपुर में भी किसान के नाम पर सियासत करने वालों पर भाजपा अध्यक्ष के सवाल खड़े करने पर अब इतना साफ हो गया कि कृषि कानून वापस लेने के बाद सरकार और भाजपा ने किसान नेताओं की मंशा को बेनकाब करने का मन बना लिया है। बूथ सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से राम मंदिर, राष्ट्रवाद और कानून व्यवस्था को सरकार की उपलब्धि बताकर परिवारवाद पर तंज किया, उससे तय है कि यही मुद्दे चुनाव में उसके हथियार बनेंगे।

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गुरु पर्व पर कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री के एलान के बाद से आंदोलन कर रहे किसान संगठन भले वार्ता के लिए बुलाने की बात कर रहे हों, मगर अब उनसे कोई बात होगी, इसकी गुंजाइश भाजपा की ओर से पाला खींचने के बाद कम ही दिखती है। नड्डा ने जिस तरह कहा कि नाम के आगे किसान नेता लगाने वालों ने किसानों को गुमराह किया है, उससे साफ है कि पार्टी सरकार पर सवाल खड़े करने वालों को जवाब देगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बूथ अध्यक्षों को किसान हित में हुए काम गिनाए तो उससे भी लगा कि पार्टी अब सरकार को किसान हमदर्द दिखाने की मुहिम में लग गई। जिन्ना के जिक्र और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बहाने राष्ट्रवाद की लाइन दी तो मंदिर निर्माण का संकल्प साकार होने का भावनात्मक मुद्दा भी फिर चुनाव में होगा, इसका भी संकेत भाजपा अध्यक्ष ने दिया। उन्होंने कहा कि हम सबका साथ सबका विकास में यकीन करते हैं और बाकी दल वोट बैंक पर विश्वास करते, जाति और वर्ग को ही जोडऩे में यकीन करते। हम तिलक, पटेल और गांधी को याद करते हैं और उनको आज भी जिन्ना याद आता है। कांग्रेस और सपा का नाम लिए बिना परिवारवाद पर भी तंज कसा कि बाकी सभी पार्टिया एक ही तंत्र में यकीन करती हैं- परिवार तंत्र यानि सिर्फ परिवार की ङ्क्षचता।

बूथ अध्यक्षों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को लेकर यकीन दिलाया कि आज प्रदेश दंगा मुक्त है, जबकि 2017 से पहले यहां हर तीसरे-चौथे दिन दंगा होता था। असदुद्दीन ओवैसी का नाम लेते हुए कहा कि आजकल वह सीएए के नाम पर भावना भड़काने का काम कर रहे हैं। उनको उन्होंने सपा का एजेंट भी करार दिया। एक बार फिर चचा जान और अब्बा जान का उल्लेख कर कहा कि अगर प्रदेश में भावनाओं को भड़काकर माहौल खराब किया तो सरकार सख्ती से निपटना भी जानती है। माफिया की छाती पर बुलडोजर चलाने वाली सरकार बताने पर मुख्यमंत्री को खूब मिली तालियों ने यह जता दिया कि चुनाव में कानून-व्यवस्था का मुद्दा भी अहम रोल अदा करेगा।


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