औरैया में रोडवेज डिपो की हालत बदहाल, जुगाड़ से चल रही व्यवस्थाएं
जिले में रोडवेज डिपो की हालत किसी से छुपी नहीं है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक को यहां की अव्यवस्थाओं की जानकारी है। परिसर में जगह की कमी के चलते हमेशा अफरातफरी का माहौल देखने को मिलता है। 35 वर्ग मीटर के टीन शेड के नीचे कार्यशाला संचालित होती है।
औरैया, जेएनएन। शहर स्थित रोडवेज डिपो का बुरा हाल है। व्यवस्थाओं के नाम पर यहां पर कुछ भी नहीं है। हर व्यवस्था जुगाड़ के सहारे चल रही है। परिसर में पर्याप्त स्थान न होने की वजह से बसें बाहर सड़क किनारे खड़ी करनी पड़ती हैं। खास बात यह है कि यहीं पर डिपो संचालित होता है और यही रोडवेज बस स्टैंड भी है। विभागीय अधिकारियों ने कई बार समस्या को लेकर लिखा पढ़ी की लेकिन उसका कोई भी निदान अब तक नहीं मिल सका है।
जिले में रोडवेज डिपो की हालत किसी से छुपी नहीं है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक को यहां की अव्यवस्थाओं की जानकारी है। परिसर में जगह की कमी के चलते हमेशा अफरातफरी का माहौल देखने को मिलता है। हालत यह है कि लगभग 35 वर्ग मीटर के टीन शेड के नीचे कार्यशाला संचालित होती है। वहीं सामान रखा रहता है और उसी थोड़ी सी जगह में किसी तरह बस को खड़ी कर उसकी मरम्मत का कार्य किया जाता है। बसों की धुलाई से लेकर हर कार्य यहीं पर होता है। जिसके चलते परिसर में कीचड़ हो जाता है। बसों के आने जाने से गीली मिट्टी धंस जाती है और गड्ढे हो जाते हैं। डिपो परिसर में जिस तरफ नजर जाती है वहां बदहाली के सिवाय कुछ नजर नहीं आता है। परेशानी इस बात की भी है कि यहीं पर बस स्टैंड भी है। जो गाडिय़ां आती जाती हैं उनको खड़ा करने के लिए कहीं जगह ही नहीं होती है जिससे मजबूरी में बाहर सड़क के किनारे खड़ी कर सवारियां बैठाई जाती हैं। यात्रियों के बैठने व उनके लिए सभी जरूरी सुविधाओं का अभाव में यहां पर है। ऐसा नहीं है, कमाई के मामले में डिपो की स्थिति अच्छी है फिर भी यह उपेक्षा का शिकार है। 2014-2015 में तत्कालीन डीएम व एआरएम ने जगह की तलाश कर डिपो स्थानांतरित करने का प्रयास किया। लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव में यह प्रयास ही बनकर रह गया।
कमाई के मामले में आगे: 2020 में परिवहन विभाग की काउंसिङ्क्षलग में औरैया डिपो ने कमाई के मामले में इटावा क्षेत्र में पहला स्थान प्राप्त किया था। वहीं प्रदेश स्तर 21वें स्थान पर रही थी। लेकिन व्यवस्थाओं के मामले में डिपो का कहीं कोई स्थान नहीं है। प्रतीक्षालय में केवल दस यात्रियों के लिए बैठने के लिए व्यवस्था है। जबकि बड़ी संख्या में यात्री यहां से यात्रा करते हैं।
बोले जिम्मेदार: शासन को कई बार पत्र भेजकर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने की मांग की गई है। लगातार प्रयास किया जा रहा है। शेरगढ़ स्थित मंगला काली मंदिर के पास डिपो के जमीन चिन्हित की गई है। - आरएस चौधरी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक