Auraiya Zila Panchayat Chunav Result: भाजपा समर्थित प्रत्याशी ने मारी बाजी, चुनाव में 23 में 22 सदस्यों ने की वोटिंग
Auraiya Panchayat Chunav Result कमल दोहरे को 13 वोट मिले जबकि सपा से रवि दोहरे को नौ वोट से संतोष करना पड़ा। चुनाव के दौरान पुलिस व प्रशासन ने राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराया। किसी प्रकार की ढील नहीं दी गई।
औरैया, जेएनएन। Auraiya Panchayat Chunav Result त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद सामने आए नतीजे में भले ही सपा का दबदबा जिला पंचायत सदस्यों को लेकर रहा हो, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा ने किला फतह किया है। यहां पर सपा व भाजपा समर्थित प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर थी। शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजे से ककोर मुख्यालय में वोटिंग शुरू हुई। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में 23 जिला पंचायत सदस्यों में 22 सदस्य ने वोटिंग की। अपराह्न तीन बजे तक वोट पड़ने थे, लेकिन दो घंटे पहले ही प्रक्रिया पूरी हो सकी। यहां पर सपा के समर्थित प्रत्याशी रवि दोहरे को भाजपा के समर्थित प्रत्याशी कमल दोहरे ने पीछे छोड़ जिपं अध्यक्ष की सीट पर कब्जा जमा लिया। विजेता घोषित होते हुए पार्टी पदाधिकारियों व समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
कमल दोहरे को 13 वोट मिले, जबकि सपा से रवि दोहरे को नौ वोट से संतोष करना पड़ा। चुनाव के दौरान पुलिस व प्रशासन ने राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराया। किसी प्रकार की ढील नहीं दी गई। कोविड प्रोटोकाल के तहत मतदान व मतगणना संपन्न कराई गई। जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के तहत सारी कवायद की गई। यहां पर प्रत्याशियों के अलावा किसी बाहरी को मतदान केंद्र के आसपास भी भटकने नहीं दिया गया। पुलिस का पहरा सख्त रहा। एसपी अपर्णा गौतम सहित पूरा अमला सुरक्षा बंदोबस्त में लगा रहा। उधर, विजयी प्रत्याशी कमल दोहरे को जिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने प्रमाणपत्र दिया। इस दौरान राज्यसभा सदस्य भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य, इटावा लोकसभा से भाजपा सांसद डा. रामशंकर कठेरिया आदि मौजूद रहे।
जिला बदर होने की वजह से धर्मेंद्र यादव नहीं हो सके शामिल: इटावा जेल से जमानत पर छूटे भाग्यनगर विकासखंड की चतुर्थ सीट से जिला पंचायत सदस्य धर्मेंद्र यादव को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पूर्व जिला बदर घोषित किया गया था। जिला बदर होने की वजह से वह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालने नहीं आ सके। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोर्ट की शरण ली थी लेकिन अनुमति न मिलने की वजह से वह चुनाव से दूर रहे।
यहां पढ़ें जिपं अध्यक्ष चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें: कानपुर में खिला 'कमल', सपा प्रत्याशी को हरा भाजपा की स्वप्निल बनीं जिपं अध्यक्ष
जानिए - बुंदेलखंड के जिलों में कौन-कौन बना जिपं अध्यक्ष और किसके हाथ लगी निराशा
कन्नौज में भाजपा समर्थित प्रिया शाक्य ने लहराया जीत का परचम, दो वोटों से हासिल की विजय
उन्नाव में भाजपा की शकुन के सिर सजा जिपं अध्यक्ष का ताज, नौ वोट से दर्ज की जीत