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CSA में विकसित हुई नई तकनीक, रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली सरसों-अलसी के उत्पादन को मंजूरी

सीएसए के वैज्ञानिकों ने सरसों की आजाद चेतना आजाद महक और अलसी की अपर्णा प्रजाति को विकसित किया। निदेशक शोध डा. एचजी प्रकाश ने बताया कि अलसी में ओमेगा थ्री की मात्रा काफी अधिक मिली। सामान्य परिस्थितियों में उत्पादन अधिक रहा।

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 10:43 AM (IST)
CSA में विकसित हुई नई तकनीक, रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली सरसों-अलसी के उत्पादन को मंजूरी
कुलपति डा. डीआर सिंह ने कृषि विशेषज्ञों को बधाई दी

कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में विकसित की गई सरसों और अलसी की नई प्रजातियां जल्द ही किसानों के लिए उपलब्ध होंगी। भारत सरकार ने नई प्रजातियों के बीज तैयार करने और उनके उत्पादन को मंजूरी दे दी है। इनसे होने वाली फसलों में पौष्टिकता के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होगी। इन प्रजातियों का देश के कई कृषि संस्थानों-केंद्रों में परीक्षण किया गया। इसके लिए कुलपति डा. डीआर सिंह ने कृषि विशेषज्ञों को बधाई दी है।

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सीएसए के वैज्ञानिकों ने सरसों की आजाद चेतना, आजाद महक और अलसी की अपर्णा प्रजाति को विकसित किया। निदेशक शोध डा. एचजी प्रकाश ने बताया कि अलसी में ओमेगा थ्री की मात्रा काफी अधिक मिली। सामान्य परिस्थितियों में उत्पादन अधिक रहा। सरसों की आजाद चेतना और आजाद महक में प्रजाति में तेल की मात्रा अधिक मिलती है। तीनों प्रजातियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य प्रजातियों के मुकाबले बेहतर है। कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से अनुमति मिलते ही जल्द ही बीज तैयार होने शुरू हो जाएंगे। सीएसए भी केंद्र बनेगा। यहां से किसानों को नई प्रजाति के बीज दिए जाएंगे।

प्रजातियों की विशेषता : आजाद महक : उत्पादन 24-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि 120 से 125 दिन में तैयार हो जाती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक है। प्रति हेक्टेयर 852 किलो तेल का उत्पादन होता है।

आजाद चेतना : उत्पादन 12-14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और 90 से 95 दिनों में तैयार हो जाती है। बहु फसल के रूप में बोई जा सकती है। तेल का उत्पादन 608 किग्रा प्रति हेक्टेयर है।

अपर्णा : 140 दिनों में तैयार हो जाती है। 13 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन है। तेल 37 फीसद, ओमेगा तीन 54 फीसद है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है।


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