कानपुर में स्वास्थ्य विभाग का गजब खेल हो रहा, एंटीजन जांच बढ़ाई और आरटीपीसीआर की अब भी कम
जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कम हो गई है। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण की चेन तोडऩे की तैयारी में है। यह शहर की तरह गांवों में न फैल जाए उसके लिए आरटीपीसीआर की जांच बढ़ाने के लिए निर्देश जारी हुए थे।
कानपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटीजन की जांचें बढ़ा दी गई हैं, जबकि आरटीपीसीआर जांचें पहले जितनी ही हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से एक दिन में 5500 सैंपल लेने की योजना थी, लेकिन उस पर अब तक कोई काम नहीं हो सका है। एक दिन में तीन हजार के आसपास आरटीपीसीआर की जांच हो रही हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब में आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) की मशीन आ गई है, जबकि संविदा पर 25 नए स्टाफ की नियुक्ति नहीं हो सकी है। आरएनए की मशीन से आरटीपीसीआर की प्रक्रिया जल्दी की जा सकती है, जिस काम में पहले दो घंटे से अधिक का समय लगता था, वह आधे घंटे में संभव हो सकेगा।
जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पहले के मुकाबले कुछ कम हो गई है। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण की चेन तोडऩे की तैयारी में है। यह शहर की तरह गांवों में न फैल जाए, उसके लिए आरटीपीसीआर की जांच बढ़ाने के लिए निर्देश जारी हुए थे। अधिक से अधिक लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की प्लानिंग बनी थी। सीएमओ कार्यालय की ओर से सीएचसी, पीएचसी और अर्बन पीएचसी के सारे सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भेजे जाते हैं।
यहां एक दिन में अधिकतम 3150 सैंपल की जांच हो रही थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ज्यादा नमूने भेजे गए, इससे लैब पर लोड बढ़ता गया। रिपोर्ट को आने में पांच से छह दिन लगने लगे। 28 अप्रैल को एंटीजन की किट खत्म हो गई थीं। ऐसे में 29 अप्रैल को 5065 और 30 अप्रैल को 5425 नमूने लिए गए थे। इसके बाद दो मई को सैंपलिंग घटाकर 3226 कर दी गईं। अब जबकि किटें आ गई हैं तो एंटीजन के टेस्ट धड़ाधड़ होने लगे हैं। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि जांच कम नहीं हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एंटीजन टेस्ट बढ़ा दिए गए हैं। जहां केस अधिक निकल रहे हैं उन क्षेत्रों में टेस्टिंग ज्यादा हो रही है।