कुत्ता काटे तो न रहें सरकारी अस्पताल के भरोसे, इंजेक्शन न होने से पड़ेगा लौटना
उर्सला और कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में एआरवी नहीं यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। गर्मी में जहां शहर से लेकर गांव में बेसहारा कुत्तों एवं बंदरों का आतंक बढ़ गया है, वहीं इनके काटने पर लगाये जाने वाले एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) सरकारी अस्पतालों से गायब हैं। हाल यह कि दूरदराज के क्षेत्रों से कड़ी धूप में आ रहे मरीज सरकारी अस्पतालों से लौटा दिए जा रहे हैं। उर्सला और कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में एआरवी नहीं हैं। यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन भी मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं कर पा रही है। ऐसे में पीडि़त एआरवी खरीदने को मजबूर हैं।
उर्सला में दो दिन से वैक्सीन नहीं
उर्सला अस्पताल की ओपीडी में रोज 250-300 नए कुत्ता व बंदर के काटने से घायल आते हैं। उन्हें एआरवी की जरूरत पड़ती है, जबकि इसके दुगने पुराने पीडि़त होते हैं। इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने नए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक 50 हजार एआरवी की डिमांड उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन को भेजी है। इस हिसाब से अस्पताल में हर महीने 42 सौ एआरवी की खपत है। कारपोरेशन ने अप्रैल में उर्सला को सिर्फ 320 वॉयल एआरवी की मिली है, जो चार दिन में ही खत्म हो गई। सोमवार से एआरवी नहीं है। उर्सला में नगर के अलावा कानपुर देहात, उन्नाव, फतेहपुर व औरैया जिले के पीडि़त लगवाने आते हैं।
एआरवी की जरूरत
250 पीडि़त रोज आते
500 पुराने पीडि़त
188 वॉयल रोज की खपत
01 वॉयल में चार डोज
कांशीराम में 13 दिन से नहीं लग रही एआरवी
रामादेवी स्थित कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में सामान्य दिनों में रोज 40 पीडि़त एआरवी के लिए आते हैं। इसके हिसाब से 10 वॉयल की खपत है। उर्सला और केपीएम अस्पताल में एआरवी खत्म होने पर यहां रोज 40 वॉयल की खपत होने लगती है। नए वित्तीय वर्ष के पहले महीने में एआरवी की आपूर्ति ही नहीं हुई है। सीएमएस डॉ.एसके पांडेय ने बताया कि 13 दिन से वैक्सीन नहीं है। एआरवी की आपूर्ति के लिए यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन को पत्र लिखा है।
इतनी चाहिए डोज
40 पीडि़त प्रतिदिन आते
10 वॉयल की रोज खपत
240 वॉयल एआरवी माह में खपत
3000 वॉयल साल में जरूरी
केपीएम में एआरवी उपलब्ध
बिरहाना रोड स्थित केपीएम अस्पताल में मंगलवार को 320 वॉयल एआरवी की आपूर्ति कारपोरेशन से हुई है। यहां सामान्य दिनों में 60-70 पीडि़त आते हैं। उसके हिसाब से18 वॉयल की खपत होती है। उर्सला व काशीराम में एआरवी खत्म होने पर पीडि़तों की संख्या 200 पहुंचने पर 50 वॉयल की खपत होने लगती है। इस समय उर्सला व कांशीराम अस्पताल में एआरवी नहीं है, ऐसे में यहां मारामारी होनी तय है।
घाटमपुर सीएचसी में अधिक डिमांड
जिले में 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हैं। सीएमओ के केंद्रीय औषधि भंडार से प्रत्येक सीएचसी को 30-30 वॉयल एआरवी प्रतिमाह दी जाती है। चुनाव की व्यस्तता की वजह से सीएचसी को समय से एआरवी नहीं मिल पा रही है। एसीएमओ डॉ. आरसी आर्या ने बताया कि सबसे अधिक एआरवी की डिमांड घाटमपुर सीएचसी में है। स्टोर में अभी 500 एआरवी उपलब्ध है।