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महोबा में अब एंटी करप्शन टीम ने आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

शराब दुकान की विभाग में जमा प्रतिभूति राशि एक लाख 22 हजार रुपये वापस करने के एवज में घूस ले रहे थे। टीम कोतवाली में सूचना देकर आबाकारी अधिकारी को साथ में लखनऊ ले गई।

By AbhishekEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 03:09 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 07:38 PM (IST)
महोबा में अब एंटी करप्शन टीम ने आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
महोबा में अब एंटी करप्शन टीम ने आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा

कानपुर (जेएनएन)। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। बुधवार को लेखपाल की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को फिर एंटी करेप्शन टीम ने जिला आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम थाने में सूचना देकर उन्हें अपने साथ लखनऊ ले गई। वह प्रतिभूति राशि वापस करने के एवज में घूस ले रहे थे।

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गांधी नगर निवासी अखिलेश उपाध्याय की वित्तीय वर्ष 2016-17 में पनवाड़ी व कबरई में दो विदेशी शराब की दुकानें थीं। इन दुकानों का उन्हें वर्ष 2017-18 में लॉटरी में आवंटन नहीं हो सका। दुकानों की प्रतिभूति राशि एक लाख 22 हजार रुपये आबकारी विभाग में जमा थी। इस रकम की वापसी को अखिलेश ने कई बार आबकारी अधिकारी अरविंद सोनकर से कहा। अखिलेश का आरोप है कि धनराशि वापसी के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग गई। उन्होंने इसकी जानकारी यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के संयोजक विक्रांत पटैरिया को दी।

यूटा संयोजक ने उसे लखनऊ एंटी करप्शन कार्यालय भेजकर शिकायत दर्ज कराई। तय रणनीति के अनुसार गुरुवार को रुपये देने की बात हुई और अरविंद सोनकर ने अपने आफीसर्स कालोनी स्थित सरकारी आवास पर अखिलेश को बुलाया। मौके पर पहुंचे लखनऊ एंटी करप्शन टीम के अधिकारियों ने दबिश देकर अरविंद को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। महोबा कोतवाली इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन टीम के अधिकारी मामले की सूचना देकर आबकारी अधिकारी को अपने साथ लखनऊ ले गए हैं।


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