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ऑपरेशन में युवक के पेट से निकलीं 30 कील, छोटी रेती, पांच इंच की सरिया और पेचकस

उन्नाव के रहने वाले युवक को तेज पेट दर्द की शिकायत थी तो अस्पताल में डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया लेकिन लोहे की कीलें आदि निकलने से सभी आश्चर्यचकित हैं फिलहाल युवक भी अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 09:34 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:52 PM (IST)
ऑपरेशन में युवक के पेट से निकलीं 30 कील, छोटी रेती, पांच इंच की सरिया और पेचकस
अस्पताल में भर्ती युवक व पेट से निकलीं कीलें आदि।

कानपुर, जेएनएन। विश्वास भले ही नहीं हो लेकिन ये हकीकत है कि युवक के पेट में दर्द के बाद ऑपरेशन करने पर लोहे की कीलें, पेचकस, छोटी रेती, करीब चार इंच की सरिया निकली हैं। इसे लेकर स्वजन के साथ ही डॉक्टर भी हतप्रभ हैं। फिलहाल युवक अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है और स्वजन भी कोई जानकारी नहीं होने बात कह रहे हैं।

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चार माह से पेट दर्द की थी शिकायत

कानपुर नगर से सटे शुक्लागंज में लखनऊ मार्ग स्थित एक अस्पताल के प्रबंध निदेशक राधारमण अवस्थी ने बताया कि उन्नाव की सदर कोतवाली अंतर्गत ग्राम भतवा निवासी कमलेश के 18 वर्षीय पुत्र करन को पिछले चार माह से पेट दर्द की शिकायत थी। कई जगह दिखाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। युवक अपनी मां कमला व पिता कमलेश के साथ दोपहर में अस्पताल आया। उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो कीलें आदि नजर आईं तो शंका हुई।

रात में ही किया ऑपरेशन

रिपोर्ट के आधार पर देर रात करीब एक बजे डॉ. पवन सिंह, डॉ. आशीष पुरी, डॉ. संतोष की टीम ने युवका का तत्काल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में उसके पेट से चार इंच लंबी 30 कीलें, एक छोटी रेती, एक पांच इंच लंबी सरिया, एक पेचकस व चार सिलाई वाली सुई निकलीं। यह देखकर डॉक्टरों की टीम और मेडिकल स्टॉफ सन्न रह गए, स्वजनों को जानकारी दी गई तो वह भी परेशान हो गए। स्वजन भी पीडि़त युवक पेट से निकले सामान को लेकर कुछ जानकारी नहीं दे सके और पूछने पर युवक भी कुछ बता नहीं पाया।

डॉक्टर बोले, प्रतीत हो रहा मानसिक रोगी

डॉ. आशीष पुरी ने बताया कि सुई और कील निगल सकते हैं, लेकिन रेती, पेचकस और सरिया पेट के अंदर जाने की बात गले नहीं उतर रही है। उन्होंने बताया कि एक्सरे और सीटी स्कैन में सभी कुछ दिख रहा था, इसपर आपरेशन किया गया। युवक मानसिक रोगी प्रतीत होता है, संभव है, इसी वजह से उसने यह सब निगला हो।

विशेषज्ञ की राय भी जानिए

जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. संजय वर्मा ने कहा कि मानसिक रोगी इस तरह की हरकत करते हैं। सुई और कील तो मुंह से निगल सकते हैं, लेकिन पेचकस, रेती, सरिया का टुकड़ा निगलने की बात समझ में नहीं आ रही है। संभव है, नीचे के रास्ते अंदर डाल लिया हो।


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