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एक घंटे की बारिश बनी आफत, जलभराव व जाम से जूझते रहे शहरवासी

बारिश के बाद सड़कों पर बढ़ा ट्रैफिक का बोझ तो हर चौराहे पर लगा जाम, रात तक सड़कों पर भरा रहा पानी

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 01:57 PM (IST)
एक घंटे की बारिश बनी आफत, जलभराव व जाम से जूझते रहे शहरवासी
एक घंटे की बारिश बनी आफत, जलभराव व जाम से जूझते रहे शहरवासी

जागरण संवाददाता, कानपुर : उमस भरी गर्मी में परेशान शहरवासियों के लिए तो बारिश राहत बनकर ही बरसी थी लेकिन व्यवस्था के नकारेपन की वजह से ये आफत बन गई। एक घंटे हुई झमाझम बारिश से जलभराव होने और वाहनों का दबाव बढ़ने से शहर की रफ्तार थम गई। वीआइपी रोड से लेकर प्रमुख मार्गो पर वाहन फंसे तो घंटों निकल ही नहीं पाए। जूझते हुए लिंक मार्गो पर मुड़े तो वहां की हालत और भी बदतर हो गई जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। करीब तीन घंटे तक शहर में ऐसे ही हालात बने रहे।

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गुरुवार दोपहर में करीब ढाई बजे बारिश शुरू हुई। एक घंटा बरसात के चलते परेड, कर्नलगंज, वीआइपी रोड, फजलगंज, आरटीओ रोड रावतपुर आदि स्थानों पर जबरदस्त जलभराव हुआ। बारिश बंद हुई तो सड़कों पर जाम लगना शुरू हो गया। वीआइपी रोड और लाल इमली चौराहे से कर्नलगंज तक जाम लगने से लोगों ने ग्वालटोली और कर्नलगंज के लिंक मार्ग पर वाहन मोड़ दिए। जहां जल्दी निकलने की होड़ में वाहन फंसते चले गए। इसी दौरान कमिश्नर आवास के पास एक रोडवेज बस आने के बाद यातायात बुरी तरह फंस गया। वीआइपी रोड से ग्वालटोली होते हुए व कर्नलगंज की तरफ से आने वाले वाहन घंटों निकल ही नहीं पाए। वाहनों को निकलवाने में पुलिस कर्मियों को पसीना छूट गया। इस दौरान वहां दो एंबुलेंस भी फंसीं। इसी तरह रावतपुर, गोल चौराहा व आरटीओ रोड पर पानी भरने से जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान राहत दिलाने को पुलिस भी नहीं दिखी।

दूसरी ओर दक्षिण क्षेत्र में तेज बारिश से नंदलाल चौराहा गोविंद नगर से सीटीआइ और गोपाला मोड़, नंदलाल से चावला मार्केट, यहां से दुर्गा मंदिर और धर्मकांटा जाने वाली रोड, शास्त्री चौक से सीटीआइ जाने वाली रोड, बैंक आफ बड़ौदा चौराहे से फजलगंज आदि सड़कों पर जबरदस्त जलभराव हुआ। इससे गो¨वद नगर, गो¨वदपुरी नया व पुराना पुल, दादा नगर पुल बड़ौदा चौराहे से फजलगंज के बीच यातायात फंसा। वहीं चावला मार्केट चौराहे और बड़ौदा चौराहे पर पहले निकलने की होड़ में वाहन चालकों ने यातायात फंसा दिया। इस पर दूसरे वाहन चालकों ने फंसे वाहनों को एक-एक तरफ से निकलवाया। करीब दो घंटे तक यातायात रेंगता रहा। पानी निकलने के बाद यातायात की स्थिति सामान्य हो सकी। वहीं जूही पुल के नीचे भी जलभराव हुआ। जाम का असर टाटमिल चौराहे पर भी देखने को मिला। जिसके चलते नए पुल पर भी वाहनों की कतारें लगी दिखीं। झकरकटी पुल पर भी यातायात रेंगता रहा। शाम करीब साढ़े छह बजे शहर को जाम से राहत मिली।

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तालाब बन गए अस्पताल

एलएलआर अस्पताल परिसर तालाब में तब्दील हो गया। इमरजेंसी ब्लॉक के अंदर, ईएमओ कक्ष के बाहर पानी भर गया। इमरजेंसी के मेडिसिन यूनिट, आर्थोपेडिक व सर्जरी यूनिट की गैलरी में पानी बहने लगा। डॉक्टर्स ड्यूटी रूम में बाथरूम का गंदा पानी रिवर्स होने से भर गया। इमरजेंसी ब्लॉक से लेकर ओपीडी ब्लॉक तक जलभराव हो गया। इसमें फिसल कर कई मरीज व उनके तीमारदार चुटहिल भी हो गए। वहीं जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज परिसर, प्राचार्य कॉलेज बिल्डिंग में घुटने तक पानी भर गया। कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय व सीएमओ कार्यालय परिसर में भी जलभराव हो गया। उर्सला अस्पताल व इमरजेंसी ब्लॉक में भी पानी भर गया। इससे मरीजों व तीमारदारों को दिक्कत का सामना करना पड़ा।

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कागजी दावों की पोल खुली

एक घंटा हुई बारिश ने जलभराव से निपटने के नगर निगम और जलकल विभाग के कागजी दावों की पोल खोल दी। खुद नगर निगम का परिसर में पानी भर गया। गलियों तक में पानी भर जाने से लोगों को काफी दिक्कतों से जूझना पड़ा। नगर निगम के अभियंता फाइलों में ही नाले साफ कराते रहे। चार करोड़ रुपये केवल कागजों में खर्च कर दिए गए। अब जब बारिश हुई तो कलई खुल गई। नाले चोक होने से नाले उफना गए और जलभराव ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। नवीन मार्केट, चावला मार्केट, कौशलपुरी, खलासी लाइन, स्वरूप नगर जैसे इलाके जलभराव की समस्या से जूझते रहे। पीपीएन मार्केट व साइकिल मार्केट मे पानी भर गया। गोविंदनगर, बर्रा व गुजैनी समेत कई जगह घरों और दुकानों में पानी भरा रहा। जिन इलाकों में कभी पानी नहीं भरता था वहां भी दो-दो फीट पानी भरा।

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सड़कें धंसीं, वाहन सवार फंसे

बारिश के कारण गुरुवार को कई जगह की सड़कें धंस गई। पॉश इलाकों में भी लापरवाह व्यवस्था की पोल खुल गई। पीरोड, भदौरिया चौराहा, वीआइपी रोड, श्यामनगर, फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र, पनकी समेत कई जगह सड़क धंसने और गढ्डे होने के कारण वाहन सवार फंस गए और कई लोग गिरकर चुटहिल हो गए।

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बजरी भी बनी मुसीबत

पुराना सेल्स टैक्स स्वरूप नगर, आर्यनगर, बेनाझाबर, लाजपत नगर, श्यामनगर, जीटी रोड समेत कई जगह फैली बजरी वाहन चालकों के लिए मुसीबत बनी रही।

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खोदी गई सड़कों पर दलदल

खोदी गई सड़कें दलदल में बदल गई। आर्यनगर, बर्रा, गोविंद नगर, साकेत नगर, किदवईनगर समेत कई जगह लोगों को आवागमन में दिक्कतें हुईं।

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कूड़े से उठती रही सड़ांध

जगह-जगह फैला कूड़ा सिरदर्द बन गया। पनकी, जरौली, छपेड़ापुलिया, न्यू सिविल लाइंस, आदर्शनगर, बर्रा आठ, विकास नगर, कल्याणपुर, यशोदानगर, विश्वबैंक बर्रा समेत कई जगह कूड़े से उठती सड़ांध से लोग परेशान रहे।

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बारिश में धुल गई शहर की बिजली

एक घंटे की बारिश एक बार फिर केस्को के इंतजामों की पोल खोल गई। पूरे शहर में धड़ाधड़ फाल्ट से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। पांच दर्जन स्थानों पर घंटों के लिए बिजली गुल रही। दोपहर करीब पौने एक बजे से बारिश शुरू हुई। जैसे ही बारिश ने जोर पकड़ा एक के बाद एक धड़ाधड़ फाल्ट होने लगे तो एहतियात के तौर पर कुछ देर के लिए लगभग सारे शहर की बिजली बंद करनी पड़ी। एक घंटे के बाद बारिश थमी तो फीडर फिर शुरू किए गए, तब तक करीब चार से पांच दर्जन फीडर बंद हो चुके थे। इसके बाद फाल्ट सही करने का सिलसिला शुरू हुआ। देर रात तक डेढ़ दर्जन से अधिक फीडर शुरू नहीं हो सके थे, जिस कारण अधिकांश क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। हालांकि बारिश से पहले भी शहर के कई इलाकों में विभिन्न कारणों से बिजली नहीं आई।

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गंगा का जलस्तर दो दिन में 16 सेमी गिरा

शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर दो दिन में 16 सेमी गिर गया। गंगा के किनारे गांवों में पानी घुसने से दहशत में चल रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बैराज में भी गंगा का जलस्तर 20 सेमी गिर गया। गंगा के किनारे गांव लोधवाखेड़ा में प्राथमिक विद्यालय में पानी घुस जाने से बच्चों को जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। गंगा का जलस्तर कम होने से लोधवाखेड़ा में भी पानी कम हो गया। शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर मंगलवार को 112.55 मीटर तक पहुंच गया था। गुरुवार को 112.39 मीटर पहुंच गया। चैनपुरवा, लोधवाखेड़ा देवीपाटन समेत कई गावों में पहुंच रहा पानी कम हो गया है।

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गंगा का जलस्तर

बैराज पर अप स्ट्रीम - 113.80 मीटर

डाउन स्ट्रीम - 113.60 मीटर

नरौरा बांध से छोड़ा पानी -1,13,327 क्यूसिक

बैराज से जाजमऊ छोड़ा पानी - 3,28,374 क्यूसिक

शुक्लागंज में -112.39 मीटर

चेतावनी बिंदु - 113 मीटर

खतरनाक निशान- 114 मीटर

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इंजीनियर्स की काबिलियत पर सवाल

जरा सी बारिश होते ही वीआइपी रोड पर रिवर साइड पावर हाउस (आरपीएच) के सामने नहर सा नजारा दिखने लगता है। बीते चार दशक से शहरवासी इस समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन शहर का दुर्भाग्य है कि इससे निजात नहीं मिल सकी। वहीं नगर निगम, केडीए, जलकल और आवास विकास विभाग के अभियंताओं की काबिलियत पर बड़ा सवाल है कि वह इसका हल नहीं खोज पाए। गुरुवार दोपहर बारिश के बाद दो फीट तक जलभराव हो गया तो लोग कहने लगे कि जो जलभराव से निजात नहीं दिला पाए, उनके भरोसे स्मार्ट सिटी का सपना कैसे पूरा होगा। शहर में मेट्रो चलाने की तैयारी हो रही है, स्मार्ट सिटी के ख्वाब दिखाए जा रहे हैं लेकिन हकीकत ढोल के भीतर पोल जैसी है। कुछ देर बारिश होते ही शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली वीआइपी रोड जलभराव में डूब जाती है और वाहन सवारों को वहां से निकलने में अथाह मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि इस सड़क से आला अफसर नहीं निकलते या उन्हें समस्या पता नहीं है लेकिन किसी ने भी निजात दिलाने के लिए पहल नहीं की। स्थिति यह है कि तेज बारिश होते ही जलभराव की वजह से वाहन फंसते जाते हैं और जाम बढ़ता चला जाता है। घंटों जाम से लोगों को जूझना पड़ता है। बारिश के बाद लोग उधर से निकलने में घबराते हैं। सबसे बड़ी मुश्किल तो आसपास रहने वालों के लिए होती है क्योंकि उनके घरों के अंदर तक पानी आ जाता है।


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