जानिए, कितना सुरक्षित है चकेरी एयरपोर्ट, नौ साल पहले सैंड अरेस्टर की वजह से बची थी 72 यात्रियों की जान
वर्ष 2011 में चकेरी एयरपोर्ट पर विमान हादसा होने से बचा था एयर इंडिया का विमान बाहर निकालने में तीन दिन लग गए थे।
कानपुर, जेएनएन। केरल के कोझिकोड में हुए विमान हादसे ने शहर के चकेरी एयरपोर्ट पर नौ साल पहले एयर इंडिया के विमान की लैंडिंग की दिल दहला देने वाली घटना याद दिला दी। उस समय पायलट ने अपनी सूझबूझ से सभी 72 यात्रियों की जान बचा ली थी और एयर इंडिया के इस जहाज को निकालने में तीन दिन लग गए थे। इस घटना के बाद से ही चकेरी एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिग कितनी सुरक्षित है इसका भी अहसास हो गया था।
नौ साल पहले यह हुई थी घटना
वर्ष 2011 में चकेरी एयरपोर्ट में हादसा तब हुआ था, जब दिल्ली से चला एयर इंडिया का 78 सीटर विमान चकेरी एयरपोर्ट पर खराब मौसम के बीच लैंडिंग कर रहा था। बरसात की वजह से एयरपोर्ट का रन-वे गीला था। लैंड करते ही विमान का पहिया स्लिप हो गया और संतुलन बिगड़ गया। रनवे के अंत में बने सैंड अरेस्टर पर विमान पहुंचकर रुक गया, जिससे हादसा टल गया था। विमान में मौजूद सभी 72 यात्रियों की जान बच गई।
क्या होता है सैंड अरेस्टर
एयरपोर्ट डायरेक्टर बताते हैं कि रनवे के अंत में बालू की दो सौ मीटर लंबी और बढ़ते क्रम में दो से 10 फीट ऊंची व्यवस्था को सैंड अरेस्टर कहते हैं। रनवे पर फिसलने की स्थिति में विमान के पहिए इसमें फंस जाते हैं। स्पीड अधिक होने के बावजूद भी विमान सैंड अरेस्टर से निकल नहीं पाता है। चकेरी एयरपोर्ट के डायरेक्टर बीके झा बताते हैं कि चकेरी एयरपोर्ट विमान की लैंडिंग के लिए पूरी तरह सुरक्षित है, लगातार मेंटीनेंस किया जा रहा है। कोझिकोड में टेबल टॉप रनवे है, इसलिए हादसा हुआ।