फिल्मी होता था हाई फ्लायर थीफ का वारदात करने का अंदाज
एसी ट्रेनों में वारदात कर प्लेन से फरार होता था। चोरी के करीब 50 मुकदमे विभिन्न प्रदेशों के जीआरपी थानों में दर्ज हैं। महाराष्ट्र में 30 मामले दर्ज है।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। रघु खोसला ऐसा शातिर चोर है, जो राजधानी, शताब्दी जैसी एसी ट्रेनों को ही निशाना बनाता था। उसका वारदात को अंजाम देने का अंदाज भी किसी फिल्म की तरह ही होता था। लंबी दूरी की इन ट्रेनों में सफर के दौरान वह एक साथ कई यात्रियों के बैग से माल पार कर बैग चलती ट्रेन से फेंक देता था। इसके बाद अगले स्टेशन पर उतर जाता। यहां पहले से खड़े साथी की कार में बैठकर जिला मुख्यालय पहुंच फ्लाइट लेकर फरार हो जाता था। इसके चलते कई प्रदेशों में पुलिस रिकार्ड में उसका नाम हाई फ्लायर थीफ के नाम से दर्ज है।
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रतलाम जीआरपी के इंस्पेक्टर केएल बरखड़े और एएसआइ आरबीएस कुशवाहा ने बताया, रघु खोसला पर चोरी के करीब 50 मुकदमे विभिन्न प्रदेशों के जीआरपी थानों में दर्ज हैं। रतलाम स्टेशन पर उसने चोरी की दो वारदात कीं। जिसमें यात्रियों के 300 ग्र्राम से ज्यादा सोने के जेवर चोरी हुए। वहीं भोपाल व इंदौर स्टेशन पर 17 वारदातों को अंजाम दिया। आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली, झांसी में भी उसने वारदातें की हैं। महाराष्ट्र में 30 मामले दर्ज है। वह 11 बार जेल भी जा चुका है पर कानूनी-दांव पेंच का फायदा उठाकर जल्द ही छूट जाता है।
तीन साथी पहले हो चुके गिरफ्तार
रघु के दिल्ली निवासी तीन साथियों नाजिम, सलमान व अजीज को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। रतलाम स्टेशन पर वारदात के बाद सीसीटीवी की फुटेज में रघु कैद हुआ था। 22 तारीख को टीम ने उसे दिल्ली में धर दबोचा, जहां से वह फरार होने की फिराक में था।
मथुरा व झांसी में भी बेचा सोना
रघु ने चोरी का माल बेचने के लिए कानपुर के अलावा झांसी, मथुरा व ग्वालियर में भी कई सराफ से साठगांठ कर रखी थी। जीआरपी टीमें उसे लेकर विभिन्न शहरों में दबिश दे रही हैं। फरार सराफ की तलाश में कानपुर पुलिस से मदद मांगी गई है। सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है।