एक माह बाद बाजार खुलने के आदेश से कानपुर के कारोबारी उत्साहित, कही ये बात
ज्यादातर की मांग चार-पांच घंटे बाजार खोलने की थी लेकिन अब एक जून से 12 घंटे बाजार खुलेगा। एक मई को कोरोना कफ्र्यू लगने के बाद से कपड़ा बाजार और सराफा बाजार को खोलने का मौका नहीं मिल रहा था
कानपुर, जेएनएन। एक माह बाद सभी बाजार एक साथ खुलने के आदेश से कारोबारी उत्साहित हैं। कपड़ा, सराफा कारोबारियों के मुताबिक अभी सहालग का अंतिम दौर बाकी है और कुछ न कुछ तो बिक्री मिल ही जाएगी। कारोबारी सबसे ज्यादा खुश सभी बाजारों के खुलने से हैं। उनका कहना है कि जब ग्रामीण क्षेत्र या दूसरे जिलों से कोई दुकानदार आता है तो उसे कई अलग-अलग सामान खरीदने होते हैं। अब सभी बाजार खुलेंगे तो फुटकर कारोबारी ज्यादा आएंगे और बिक्री भी बढ़ेगी।
कारोबारी काफी दिनों से सभी बाजार खुलने की मांग कर रहे थे। ज्यादातर की मांग चार-पांच घंटे बाजार खोलने की थी लेकिन अब एक जून से 12 घंटे बाजार खुलेगा। एक मई को कोरोना कफ्र्यू लगने के बाद से कपड़ा बाजार और सराफा बाजार को खोलने का मौका नहीं मिल रहा था। सराफा बाजार को एक दिन अपनी दुकान देखने का मौका मिला था तो कपड़ा बाजार को दो दिन। कानपुर में जिस तरह संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है। उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बार बाजार खुलने में राहत मिल सकती है। अभी तक फुटकर बाजारों को भी खोलने की अनुमति नहीं मिल रही थी। इसकी वजह से शहर में गुमटी, गोविंद नगर, पी रोड, कल्याणपुर, किदवई नगर, नौबस्ता, लाल बंगला, रावतपुर, नवाबगंज, कोपरगंज, मेस्टन रोड बाजार नहीं खुल पा रही थीं।
बोले कारोबारी
- अभी हमारे पास सहालग के अंतिम दिन बाकी हैं। जब सबकुछ खुलेगा तो दूसरे जिलों से छोटे कारोबारी भी कानपुर खरीदारी करने के लिए आएंगे। - चरनजीत सागरी, अध्यक्ष, कानपुर कपड़ा कमेटी।
- कोरोना कफ्र्यू की वजह से छोटे ट्रांसपोर्टर बहुत बुरी तरह परेशान थे। बड़े ट्रांसपोर्टर तो उद्योगों का माल ले जा रहे थे। अब फुटकर दुकानें खुलने से छोटे ट्रांसपोर्टरों को काम मिलेगा। - मनीष कटारिया, महामंत्री, यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन।
- सहालग का काम तो खत्म हो गया है। अभी ज्यादातर बड़े ग्राहक भी खरीदारी के लिए कोरोना को देखते हुए नहीं निकलेंगे। एक सप्ताह बाद ग्राहकों के आने की उम्मीद है। - गोपाल अग्रवाल, अध्यक्ष, बिरहाना रोड सराफा व्यापार मंडल।
- कपड़े की जरूरत लोगों को है। ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी बिक्री की वजह से वहां के दुकानदारों के पास माल नहीं है। उनकी तरफ से अच्छी मांग आने की उम्मीद है। - शेष नारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष, नौघड़ा कपड़ा कमेटी।