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बांदा : गैर इरादतन हत्या में दोषी को नौ साल बाद दस वर्ष की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

अपर शासकीय अधिवक्ता सुशील तिवारी ने बताया कि बबेरू कोतवाली क्षेत्र के बेर्रांव गांव निवासी रोडवेज बस चालक बृजेंद्र यादव ने 10 अक्टूबर वर्ष 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि हमलावरों ने पिता को पीटकर मार डाला था।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 05:42 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 05:42 PM (IST)
बांदा : गैर इरादतन हत्या में दोषी को नौ साल बाद दस वर्ष की सजा, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया
नौ वर्ष तीन माह बाद आया कोर्ट का फैसला। प्रतीकात्मक फोटो।

बांदा, जागरण संवाददाता। गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद अशरफ अंसारी की अदालत ने दस वर्ष के सश्रम करावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना अदा न करने पर उसे छह माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माने की आठ हजार रुपये की धनराशि वादी को मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया है।

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अपर शासकीय अधिवक्ता सुशील तिवारी ने बताया कि बबेरू कोतवाली क्षेत्र के बेर्रांव गांव निवासी रोडवेज बस चालक बृजेंद्र यादव ने 10 अक्टूबर वर्ष 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि दो दिन पहले आठ अक्टूबर को वह बस लेकर कमासिन से बांदा आ रहा था। शाम करीब सात बजे गांव के मुन्ना गोस्वामी, विश्वनाथ, इंद्रवन, लाला उर्फ बद्रीवन ने बस रोकने को हाथ दिया था। लेकिन उसने नहीं रोका। जिसके बाद उसकी गांव के नजदीक बस पंचर हो गई। जिससे बस खड़ी कर वह गांव खाना खाने चला गया। वहां से लौटने पर मुन्ना समेत उसके भाइयों आदि  उसे गाली-गलौज करते हुए पीटने लगे। शोर सुनकर उसके पिता इंद्रजीत व अन्य लोग बचाने आए। इससे हमलावरों ने पिता इंद्रजीत को सिर में लाठी हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। बेहोश होने पर उन्हें बस से जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें कानपुर भेजा गया।

वहां निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दस अक्टूबर वर्ष 2012 को उनकी मौत हो गई थी। मामले का आरोप पत्र चारों आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में विवेचक ने पेश किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से छह गवाह पेश किए गए। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के अवोलकन व अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद न्यायधीश मुन्ना को दोषी पाते हुए उसके विरुद्ध सजा सुनाई है। वहीं तीन अन्य आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया है।


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