Move to Jagran APP

कानपुर देहात में सात दिन से लापता किशोरी की हत्या, कंकाल और कपड़े देखकर स्वजनों ने की पहचान

पिता व स्वजन दो सगे चाचा पर जमीनी रंजिश में हत्या का करने का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पुलिस का कहना है कि काफी दिन पुराना शव होने से साक्ष्य नष्ट हो गए हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 07:18 PM (IST)
कानपुर देहात में सात दिन से लापता किशोरी की हत्या, कंकाल और कपड़े देखकर स्वजनों ने की पहचान
दिवंगत लक्ष्मी के स्वजनों से पूछताछ करते पुलिसकर्मी

कानपुर, देहात जेएनएन। रूरा के गहोलिया में सात दिन पहले लापता हुई 15 वर्षीय किशोरी का गांव के बाहर बाजरे के खेत में सड़ा हुआ शव बरामद हुआ। घटनास्थल पर एसपी केशव कुमार चौधरी व फोरेंसिक टीम पहुंची और छानबीन की। स्वजनों ने कपड़ों से बेटी की शिनाख्त की। किशोरी के पिता ने अपने दो सगे भाईयों पर जमीनी रंजिश में वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों से पूछताछ शुरू की है।

prime article banner

गहोलिया गांव निवासी किसान ओमप्रकाश की 15 वर्षीय बेटी लक्ष्मीदेवी 26 सितंबर की सुबह खेत गई थी जिसके बाद से वह नहीं लौटी। परिवार वालों ने काफी खोजबीन की पर कुछ पता न चल सका। थाने में 27 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी लेकिन किसी पर कोई शक नहीं जताया गया। सात दिन में उसका कुछ पता न चल सका। शनिवार सुबह तेज दुर्गंध आने पर बाजरे के खेत में ग्रामीणों ने सड़ा गला शव देखा। ओमप्रकाश पहुंचे और कपड़े देखे तो उन्होंने बेटी के होने की बात कही। शव इतनी बुरी स्थिति में था कि ज्यादातर हड्डी ही बची थी। ओमप्रकाश का आरोप है कि उनके सगे भाई बृजलाल व जियालाल ने ही बेटी की हत्या कर शव को यहां फेंका है। उनसे जमीनी रंजिश चलती है और उन्होंने अंजाम भुगतने की धमकी कुछ दिन पहले दी थी। एसपी केशव कुमार चौधरी, एएसपी अनूप कुमार व फोरेंसिक टीम पहुंची। स्वजनों से अधिकारियों ने पूछताछ कर पूरी जानकारी ली। एसपी ने बताया कि दिवंगत किशोरी के दो चाचा पर आरोप लगा है। हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का सही कारण पता चल सकेगा जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

डॉग स्क्वायड से नहीं मिली मदद

घटनास्थल पर डॉग स्क्वायड का खोजी कुत्ता भी पहुंचा लेकिन वह घटनास्थल के आसपास ही मंडरा कर रह गया। पुलिस कर्मियों का कहना था कि काफी दिन बीतने से साक्ष्य नष्ट हो गए इसलिए कुछ मदद नहीं मिली।

बेटे की मौत पर भी लगा था आरोप, हुआ था समझौता

दिवंगत लक्ष्मी के भाई राजेश की भी मौत हो चुकी है। दो वर्ष पूर्व वह गांव किनारे भैंस चराने गया था जहां तालाब में डूब गया था। उस समय भी ओमप्रकाश ने अपने भाईयों पर आरोप लगाया था कि बेटे को डूबोकर मार दिया लेकिन मामला पुलिस में नहीं गया था। ग्रामीणों व रिश्तेदारों के बीच में पडऩे पर सुलह समझौता हुआ था।

आखिर कैसे गल गया शव

सात दिन में शव इतनी तेजी से गल जाना कि ज्यादातर हड्डी ही नजर आए यह किसी को हजम नहीं हो रहा। आशंका है कि हत्यारों ने किसी केमिकल या फिर नमक का इस्तेमाल किया हो। वहीं यह भी चर्चा है कि शव यहां पड़ा रहने पर जानवरों ने नोंच खाया हो तभी ज्यादातर हड्डी ही बची। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.