कर अपवंचना के बाद अब बैंक चालान से जमा करना होगा अपील में जाने का शुल्क, नहीं तो जारी होगा नोटिस
सीजीएसटी के मामले में कमिश्नर अपील और एसजीएसटी के मामले में एडीशनल कमिश्नर ग्रेड दो (अपील) के सामने आदेश जारी होने के 90 दिन के अंदर देनी होती है। अपील तभी स्वीकार की जाती हैजब लगाए गए कर का 10 फीसद धन अपील प्रस्तुत करते समय जमा करा दिया जाए।
कानपुर, जारगण संवाददाता। कर अपवंचना करते हुए पकड़े जाने के बाद लगाए गए टैक्स और पेनाल्टी से बचने के लिए कारोबारी अब अपील में जाने का 10 फीसद शुल्क अपनी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) से जमा नहीं कर सकेंगे। उन्हें अब अपने बैंक चालान से यह राशि जमा करनी होगी, इसके बाद ही उनकी अपील स्वीकार होगी।
जीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत प्रथम अपील सीजीएसटी के मामले में कमिश्नर अपील और एसजीएसटी के मामले में एडीशनल कमिश्नर ग्रेड दो (अपील) के सामने आदेश जारी होने के 90 दिन के अंदर देनी होती है। यह अपील तभी स्वीकार की जाती है, जब लगाए गए कर का 10 फीसद धन अपील प्रस्तुत करते समय जमा करा दिया जाए। इसके बाद बाकी 90 फीसद कर, ब्याज, अर्थदंड की मांग धारा 107 (7) के तहत खुद ही अपील निस्तारण तक स्थगित हो जाती है। इन मामलों में आइटीसी से अपील की राशि समायोजित नहीं की जा सकती। इसके बाद भी बहुत से कारोबारी इलेक्ट्रानिक कैश बुक में पड़े धन से अपील का शुल्क समायोजित कर देते हैं।
इस मामले में ओडिसा उच्च न्यायालय के निर्देश ने साफ कर दिया है कि कारोबारी को अपने बैंक चालान से यह राशि जमा करनी होगी। उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद अब वाणिज्य कर अधिकारियों ने अपील में आ रहे सभी कारोबारियों को अपने बैंक चालान से यह राशि जमा करने के निर्देश देने शुरू कर दिए हैं। एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन जोन वन पीके ङ्क्षसह के मुताबिक कारोबारी अपनी आइटीसी से अपील के शुल्क को जमा कर रहे थे जबकि इलेक्ट्रानिक लेजर में पास होकर आयी आइटीसी से इस शुल्क को जमा नहीं किया जा सकता। इसलिए अब सभी को अपने बैंक चालान से यह राशि जमा करनी होगी।