13 साल बाद भूखंड पाकर आवंटियों के खिले चेहरे
जागरण संवाददाता कानपुर जवाहरपुरम योजना में 13 साल से विवादित भूखंड की जगह वैकल्पिक भूख
जागरण संवाददाता, कानपुर : जवाहरपुरम योजना में 13 साल से विवादित भूखंड की जगह वैकल्पिक भूखंड के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे आवंटियों के चेहरे बुधवार को खिल उठे। केडीए ने विवादित भूखंड की जगह बुधवार को लाटरी के माध्यम से लोगों को 82 वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए।
केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने जवाहरपुरम, हाइवे सिटी और अलकनंदा में विवादित 798 भूखंडों की जगह वैकल्पिक भूखंड देने की तैयारी की है। इसके लिए 30 दिसंबर से दो जनवरी तक लाटरी आमंत्रित है। इसी कड़ी में जवाहरपुरम आवासीय योजना की लॉटरी प्राधिकरण परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में निकाली गई। इसमें 450, 300, 200, 162, 165, 150, 112.50 एवं 60 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल के भूखंडो की लॉटरी आयोजित की गयी। जिन आवंटियों की रजिस्ट्री हो चुकी थी उनको पहले प्राथमिकता दी गई। इस अवसर पर आवंटी डॉ. नागेन्द्र स्वरूप, सरिता अग्रवाल, जयश्री मिश्रा, रूपा रानी, राजेश पाण्डेय, मनोज गौतम, कैलाश पाण्डेय को वैकल्पिक भूखंड दिए गए।
लॉटरी में असफल आवेदकों को एक और मौका मिलेगा। वे छह जनवरी को प्राधिकरण में सम्पर्क कर विकल्प वरीयता फार्म भर सकते हैं। इस अवसर पर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा, विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार वर्मा, सहायक लेखाधिकारी डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा आदि रहे।
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आवंटी बोले
वर्ष 2007 से भूखंड लेने के लिए केडीए के चक्कर लगा रहे थे। आज भूखंड मिलने के बाद सारी थकान खत्म हो गई।
- शैलेंद्र निगम
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भूखंड मिलने की आस खत्म हो गयी थी, केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह से मिलने के बाद लगा कि अब भूखंड मिल जाएगा।
- अशोक कुमार सक्सेना
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13 साल बाद लग रहा है कि अब शहर में अपना भी रहने का एक ठिकाना हो जाएगा। आस छोड़ चुके थे।
- अर्पणा मिश्रा
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अब भूखंड मिलने पर चेहरा खिल उठा है। 13 साल से लगातार केडीए के चक्कर लगा रहा था।
- एसके राठौर