प्रशासन से अधिवक्ताओं का सवाल- जब सब खुला है तो कानपुर कचहरी क्यों बंद है?
कलेक्ट्रेट परिसर में धरना देने के बाद वकीलों ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर कचहरी न खुलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
कानपुर, जेएनएन। न्यायालय परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त घोषित किये जाने को लेकर अधिवक्ताओ ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर वकीलों ने पूछा जब शहर में सब कुछ खोल दिया गया है तो कचहरी क्यों बंद है? अधिवक्ताओ ने जल्द कचहरी खोलने की मांग की। वकीलों के प्रतिनिधमंडल ने सुनवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।
बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जिलाधिकारी ने शहर में सारी गतिविधियां चालू कर दी हैं। सभी बाजार, मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी गैर सरकारी सभी कार्यालय खोल दिए गए किंतु न्यायालय परिसर बंद है। इससे हजारों अधिवक्ता, टाइपिस्ट, मुंशी और स्टाम्प वेंडर सभी परेशान हैं और हजारों वादकारी न्याय से वंचित हैं। बावजूद इसके कचहरी परिसर को कंटेनमेंट जोन में रखा गया है, जबकि नई गाइडलाइन के आधार पर सिविल कोर्ट परिसर को तत्काल मुक्त घोषित किया जाना चाहिए था।
अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति के संयोजक रवींद्र शर्मा ने कहा कि सिविल कोर्ट परिसर में ढूंढने पर भी कोई करोना संक्रमित नहीं मिला। सिविल कोर्ट चौकी इंचार्ज ने भी पूछने पर बताया कि एक भी घर सिविल कोर्ट परिसर में सील नहीं किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सीएमओ द्वारा गलत रिपोर्ट देकर जिलाधिकारी को दिग्भ्रमित किया गया है। तत्काल कोर्ट परिसर को कंटेनमेंट जोन से मुक्त किया जाए ताकि न्यायालयों में पूर्व की भांति कार्य शुरू हो सके।
बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अश्वनी आनंद ने कहा यदि तत्काल कोर्ट परिसर को केंटोनमेंट जोन मुक्त न किया गया तो मजबूरन हमे आंदोलन करना पड़ेगा। लायर्स एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री राकेश तिवारी ने कहा जिला प्रशासन तत्काल कचहरी को कंटेनमेंट मुक्त घोषित करें ताकि अधिवक्ताओं के साथ साथ हजारों वादकारियों को भी न्याय सुलभ हो सके। सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने आश्वासन दिया कि ज्ञापन पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।