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Mega Leather Cluster Kanpur: वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भेजकर जताई छह हजार करोड़ निवेश की उम्मीद

अपर मुख्य सचिव ने वाणिज्य मंत्रालय को कानपुर के रमईपुर में 235 एकड़ में मेगा लेदर क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव भेजा है छह साल बाद अब कवायद तेज होने से जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 04:45 PM (IST)
Mega Leather Cluster Kanpur:  वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भेजकर जताई छह हजार करोड़ निवेश की उम्मीद
फैक्ट्री में तैयार होते चर्म उत्पाद। प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जेएनएन। बिधनू के पास रमईपुर गांव में मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना की प्रक्रिया शासन स्तर पर शुरू हो गई है। अपर मुख्य सचिव लघु उद्योग नवनीत सहगल ने वाणिज्य मंत्रालय के पास इस प्रोजेक्ट को मंजूर करने का प्रस्ताव भेज दिया है। सब ठीक रहा तो सितंबर में ही हरी झंडी मिल जाएगी और फिर वहां विकास कार्य शुरू हो जाएगा।

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मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना का प्रयास छह साल से हो रहा है। इसके लिए उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन ने जाजमऊ के कई बड़े टेनरी संचालकों के साथ मिलकर मेगा लेदर क्लस्टर डेवलपमेंट यूपी लिमिटेड कंपनी का गठन कराया था। कंपनी ने वहां प्राधिकरण के माध्यम से ग्राम समाज की भूमि का पुनग्र्रहण कराया और किसानों की जमीन भी खरीदी, लेकिन इस प्रोजेक्ट की राह में कुछ अड़चनें आईं और स्थापना का कार्य शुरू नहीं हो सका। रमईपुर में ही पुनग्र्रहीत की गई भूमि के पास प्राधिकरण ने भी अलग से क्लस्टर की स्थापना के लिए भूमि का पुनग्र्रहण करा लिया था, लेकिन अब तय हुआ है कि कंपनी और प्राधिकरण द्वारा ली गई भूमि को मिलाकर यह क्लस्टर स्थापित होगा। इस तरह यहां 235 एकड़ में यह औद्योगिक क्षेत्र बसेगा।

कानपुर की पहचान पूरी दुनिया में चर्म उत्पादों से है। ऐसे में इसे एक जिला एक उत्पाद योजना में भी शामिल किया गया है। अब लघु उद्योग विभाग ने वहां इस क्लस्टर की स्थापना के लिए प्राधिकरण के साथ मिलकर प्रक्रिया शुरू की है। विभाग की ओर से वाणिज्य मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है। स्वीकृति के बाद मंत्रालय इस क्लस्टर के विकास के लिए वित्तीय मदद भी करेगा। जहां पर क्लस्टर की स्थापना होनी है, उससे थोड़ी दूरी पर ही आउटर रिंग रोड भी बनना है। जब वहां क्लस्टर स्थापित हो जाएगा तो उद्यमियों को अपने माल यहां से दूसरे शहरों को ले जाने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी।

छह हजार करोड़ करोड़ का निवेश

मंत्रालय के संयुक्त सचिव को भेजे गए प्रस्ताव में अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा है कि इस क्लस्टर में छह हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

दो ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे

यहां दो इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की जाएगी ताकि टेनरियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी शोधित किया जा सके। एक अफसर के मुताबिक जो प्लांट यहां प्रस्तावित है, वह जीरो डिस्चार्ज प्रणाली का होगा, ताकि शोधन के बाद पानी का दोबारा उद्योगों व ग्रीन बेल्ट की ङ्क्षसचाई में उपयोग किया जा सके।

  • क्लस्टर की स्थापना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जल्द ही इसे स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। -नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव लघु उद्योग विभाग

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