अभिनेता आशीष शर्मा बोले- सभी क्षेत्रों में सफलता का गुरुमंत्र है माता-पिता की सीख और संघर्ष
कहा फिल्म इंडस्ट्री में बुलंदियों पर पहुंचने के लिए थियेटर में काम करना जरूरी।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। माता-पिता की सीख ही हर क्षेत्र में सफलता का गुरुमंत्र होती है। बिना संघर्ष सफलता नहीं मिलती इसलिए खुद पर विश्वास व ईमानदारी से कार्य करते रखना चाहिए। शनिवार को मशहूर टीवी कलाकार व लव सेक्स और धोखा फेम आशीष शर्मा ने यह बात कही। वह दैनिक जागरण के फेसबुक लाइव पर संगिनी सदस्यों व प्रशंसकों से रूबरू हो रहे थे।
लक्ष्य पाने को एकाग्रता जरूरी
आशीष ने अपनी बात की शुरुआत युवाओं के एक्टिंग क्षेत्र में कॅरियर बनाने से की। उन्होंने कहा कि हर फील्ड में सफलता का एकमात्र सिद्धांत माता पिता द्वारा दी गई शिक्षा है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य पाने के लिए एकाग्रता जरूरी है। प्रशंसकों के स्टार व कलाकार बनने की बात पर बोले कि इस लाइन में स्टार से पहले कलाकार बनना चाहिए। जो बेहतर कलाकार होगा, वही स्टार बन पाएगा। प्रशंसक अबू साद के नरेंद्र मोदी की बेवसीरीज की चुनौतियों पर बोले, इस बेवसीरीज ने बहुत कुछ सिखाया है। देश के प्रधानमंत्री पर आधारित बेवसीरीज में काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में काम को तलाशना पड़ता है। मनमर्जी से काम हासिल करने के लिए काबिल बनो, काम स्वत: ही मिल जाएगा। आशीष ने ङ्क्षहदी सिनेमा की तुलना में साउथ में बनीं फिल्मी कहानियों को श्रेष्ठ बताया।
चंद्रगुप्त के सेट पर खुद बनाई थी चूल्हे में रोटी
चंद्रगुप्त, गुनाहों का देवता, रब से सोना इश्क और पृथ्वी वल्लभ के धारावाहिक के बारे में बताते हुए कहा कि इनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। चंद्रगुप्त के सेट पर मस्ती करना व खुद चूल्हे पर रोटी बनाना यादगार है। शिवम के प्रश्न का उत्तर देते हुए आशीष ने कहा कि थियेटर सबसे कठिन होता है। एक्टर की काबिलियत को परखने के लिए थियेटर में काम करना एकमात्र विकल्प है। थियेटर से निकलने वाले अधिकतर एक्टर बुलंदियों पर पहुंचे हैैं। कानपुर व लखनऊ के जायकेदार खान-पान की बातें करते हुए उन्होंने प्रशंसकों को संक्रमण से बचते हुए घर में रहने की सलाह दी।