कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की एक और उपलब्धि, रिस्पांस टाइम अब सात मिनट
कानपुर में किसी घटना की सूचना मिलते ही सात मिनट के भीतर मौके पर पुलिस पहुंच जाती है जबकि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पहले 12 मिनट में पीआरवी पहुंचती थी। अब मुसीबत में फंसे पीड़ित को जल्दी मदद मिल रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। मुसीबत में फंसे लोगों की मदद को कमिश्नरेट पुलिस अब पहले से ज्यादा तेजी से पहुंच रही है। लंबे समय बाद पुलिस का रिस्पांस टाइम यानी सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचने का औसत समय घटकर सात मिनट तक पहुंच गया है। इसके साथ ही बेहतर रिस्पांस टाइम की वजह से कमिश्नरेट पुलिस प्रदेश में तीसरे नंबर पर काबिज हो गई है।
किस जिले की पुलिस कितनी तेज है, इसका अंदाजा उसके रिस्पांस टाइम से लगाया जाता है। इसका आधार है पीआरवी यानी पुलिस रिस्पांस व्हीकल। आपात कालीन नंबर डायल 112 से जुड़ी पीआरवी को सूचना मिलते ही घटनास्थल पर जाने के लिए कहा जाता है और मौके पर पहुंचने के समय को ही रिस्पांस टाइम कहा जाता है। जनवरी 2021 को कानपुर पुलिस की रैंङ्क्षकग 11 से 24 के बीच थी और रिस्पांस टाइम 12 से 15 मिनट था। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक दक्षिण डाक्टर अनिल कुमार ने इस दिशा में प्रयास शुरू कराए थे, जिसके बाद अप्रैल तक रैंङ्क्षकग में सुधार हुआ और औसत रैंङ्क्षकग आठ तक पहुंच गई और रिस्पांस टाइम भी घटकर आठ से दस मिनट रह गया था।
पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि शहर में स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट सिग्नल और स्मार्ट चौराहे विकसित हो रहे हैं। यानि ट्रैफिक जितना बेहतर चलेगा, हर जरूरतमंद तक पीआरवी 112 के पहुंचने का रिस्पांस टाइम उतना बेहतर होगा। शहर के एक दर्जन चौराहों को स्मार्ट चौराहे के रूप में चयनित करके विकसित किया गया जिनमें फूलबाग, बड़ा चौराहा, विजय नगर, लाल इमली, नंदलाल चौराहे आदि प्रमुख हैं। यहां पर जेब्रा लाइन, आटोमैटिक सिग्नल, ई चालान जैसी व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शहर के चार चौराहों पर आटोमैटिक सिग्नल लागू होंगे जो कि भीड़ देखकर सिग्नल लाइट सेंस करेगी। यानी भीड़ को देखकर सिग्नल का संचालन होगा। इन्हें सब वजहों से रिस्पांस टाइम घटकर सात मिनट रह गया है। इसकी वजह से प्रदेश में कमिश्नरेट पुलिस तीसरे नंबर पर पहुंच गई है।