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औरैया हादसा: चूना भी हो सकती मौतों की वजह, चंद मिनट में थम गईं प्रवासी श्रमिकों की सांसें

एंबुलेंस स्टॉफ और पुलिस ने शवों को बाहर निकाला तो ज्यादातर के मुंह में झाग बन गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 09:14 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 04:26 PM (IST)
औरैया हादसा: चूना भी हो सकती मौतों की वजह, चंद मिनट में थम गईं प्रवासी श्रमिकों की सांसें
औरैया हादसा: चूना भी हो सकती मौतों की वजह, चंद मिनट में थम गईं प्रवासी श्रमिकों की सांसें

औरैया, जेएनएन। शनिवार भोर पहर नेशनल हाइवे पर ट्राला ट्रक और डीसीएम की भिड़ंत में 26 प्रवासी श्रमिकों की मौत और 40 से अधिक प्रवासियों के घायल होने की घटना ने सभी को झकझोर दिया है। हाइवे पर ढाबे के किनारे खड़े ट्राला ट्रक से डीसीएम भिड़ने के बाद पलट गई तो चीख पुकार मच उठी। हादसे में मौके पर हुईं ज्यादातर मौतों की वजह चूना हो सकती है, जिसकी वजह से चंद मिनट में ही सांसें थम गईं।

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कहा जाता है कि किसी हादसे में पहला एक घंटा गोल्डन ऑवर होता है, क्योंकि इस दरमियान घायल का रक्त स्राव अधिक होता है और यदि समय उसे अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन, औरैया हादसे में मरने वाले प्रवासी श्रमिकों को इतना भी समय नहीं मिल सका कि अस्पताल पहुंचाए जाने तक उनकी सांसें चलती रहतीं। मौके पर जब पुलिस और एंबुलेंस स्टॉफ शवों को बहार निकाल रहा था तो मृतकों के मुंह और नाक में चूना भरा था और श्वास नली जाम हो चुकी थी।

दरअसल, ट्राला ट्रक में चूने की बोरियां रखी थीं। डीसीएम की टक्कर लगते ही ट्रक का ट्राला पलट गया और उसपर सो रहे प्रवासी कामगार चूने की बोरियों के नीचे जा दबे। दबने के कारण उनके शरीरी पर चोटें थीं और खून भी बह रहा था। लेकिन, इनमें ज्यादातर एेसे मृतक थे, जिनके मुंह से झाग बन रहा था, उनकी हालत एेसी थी जैसे जहरीला पदार्थ खाने पर होती है। कारण यह था कि बोरियां फट जाने से उनके मुंह चूने में दब गए थे। इससे हादसे में वो घायल होकर बेहोश हुए लेकिन मुंह और नाक के जरिये घुसे चूने ने चंद मिनट में उनकी श्वास नली जाम कर दी। इससे माना जा रहा है कि चूने की वजह से कुछ ही देर में उनका दम घुट गया होगा।

मरने वाले मजदूरों में अधिकतर के मुंह चूना भर जाने के कारण सफेद हो गए थे। हादसे के करीब एक घंटे बाद क्रेन पहुंची और बोरियां हटवाकर शव बहार निकाले गए। चूने के बोरियों के नीचे दबे लोगों में एक भी जिंदा नहीं मिला। औरैया के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. शिशिर पुरी ने बताया कि चूना या मिट्टी श्वास नली जाम हो जाने से दम घुटने लगता है और कुछ ही देर में मौत हो जाती है। मरने वालों प्रवासी श्रमिकों के मुंह में चूने के कारण ही झाग बना है।

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