एक क्लिक पर सामने होगी छात्रों की अकादमिक कुंडली, आटोमेशन की राह में विश्वविद्यालय ने बढ़ाए कदम
इंटरव्यू के दौरान और सफल होने पर कंपनी का एचआर विभाग उन विश्वविद्यालयों व तकनीकी शिक्षण संस्थानों से छात्रों के बारे में पता करता है जहां से वह पढ़कर आ रहे हैं। सत्यापन में काफी वक्त लग जाता है। इसे ध्यान में रखकर सीएसजेएमयू ने वेरीफिकेशन माड्यूल तैयार किया है।
कानपुर, जेएनएन। अभ्यर्थी को नौकरी देने के लिए नियोक्ता के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि जिसे वह चयनित कर रहा है, उसका शैक्षणिक रिकार्ड कहीं गलत तो नहीं है। उसे जांचने के लिए कई बार नियोक्ता को उसके कालेज से संपर्क करना पड़ता है। हालांकि आने वाले समय में छत्रपति शाहू जी महाराज विवि (सीएसजेएमयू) के छात्रों को चुनने वाली कंपनियों के सामने इसका संकट नहीं रहेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह छात्रों का ब्योरा डिजिटल करने जा रहा है। छात्र का रोल नंबर डालते ही उनकी अकादमिक कुंडली नौकरी देने वाली कंपनी के सामने होगी। बीटेक, एमबीए, एमसीए व अन्य कोर्स करने के बाद कई छात्र प्रोफेशनल बनने के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद व नोएडा की कंपनियों में आवेदन करते हैं। कंपनियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती छात्रों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करना होती है। इंटरव्यू के दौरान और सफल होने पर कंपनी का एचआर विभाग उन विश्वविद्यालयों व तकनीकी शिक्षण संस्थानों से छात्रों के बारे में पता करता है, जहां से वह पढ़कर आ रहे हैं। सत्यापन में काफी वक्त लग जाता है। इसे ध्यान में रखकर सीएसजेएमयू ने वेरीफिकेशन माड्यूल तैयार किया है। जल्द ही यह अमल में आ जाएगा। विवि से प्रतिवर्ष पांच हजार से अधिक छात्र पासआउट होकर निकलते हैं।
विवि ने बनाया एडमिशन माड्यूल : कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय ने पहली बार स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए खुद का एडमिशन माड्यूल तैयार किया है। इसके बाद अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा का माड्यूल बनाया जा रहा है। पहले विश्वविद्यालय में जो साफ्टवेयर आउटसोर्स हुआ करते थे यहां के प्रोग्रामर संचालित कर रहे हैं। सत्र 2021 में विवि का सौ फीसद ई-गवर्नेेंस लागू करने का लक्ष्य है। विवि की प्रवेश प्रक्रिया इस बार पूरी तरह ऑनलाइन हो रही है। बीटेक, बीबीए, एमबीए, बीसीए व फार्मेसी जैसे प्रोफेशनल कोर्स के अलावा बीए, बीएससी व बीकाम में दाखिले के लिए छात्र घर बैठकर अपना पंजीकरण करा रहे हैं। अब पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया भी आनलाइन कराने की तैयारी है।