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STARTUP : एक लाख का निवेश और दो साल में 10 करोड़ रुपये का कारोबार

देश की 500 स्टार्टअप कंपनियों में स्थान मिला अब अभिनव जल्द शहर में भी यूनिट लगाएंगे।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 09:44 AM (IST)
STARTUP : एक लाख का निवेश और दो साल में 10 करोड़ रुपये का कारोबार
STARTUP : एक लाख का निवेश और दो साल में 10 करोड़ रुपये का कारोबार

कन्नौज, [प्रशांत कुमार]। आप भी अगर उद्यमिता की राह पर चलने के बारे में सोचते हैं तो इस युवा इंजीनियर की सफलता और बाजार में जमने के उसके सिद्धांत से बहुत कुछ सीख सकते हैं। बाजार सिर्फ नामी-गिरामी ब्रांड, उनके महंगे उत्पाद और उनकी मांग से ही सम्मोहित नहीं होता, अच्छा और सस्ता उत्पाद भी कड़ी चुनौती देकर कारोबारी हवा का रुख मोड़ सकता है।

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स्टार्टअप इंडिया की मदद से बाजार में पैर रखने वाले अभिनव त्रिपाठी ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। उन्होंने महज एक लाख रुपये के निवेश से एलईडी बल्व कंपनी खड़ी की और दो वर्ष में ही दस करोड़ रुपये वार्षिक टर्न ओवर का कारोबार जमा दिया। यह कंपनी देश की स्टार्टअप कंपनियों में शुमार है और 500 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में शामिल हो चुकी है।

छिबरामऊ शहर के अभिनव त्रिपाठी ने इलेक्ट्रानिक्स में एमटेक किया है। उन्होंने अपने मोहल्ले त्रिपाठी नगर बस्तीराम में ही 100 एलईडी बल्व बनाकर बेचे तो लोगों ने हौसलाअफजाई की। इसके बाद अभिनव ने प्रधानमंत्री की स्टार्टअप इंडिया स्कीम में पंजीकरण कराया। 2017 में एक लाख रुपये के निवेश से नोएडा में लाइत्स एलईडी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड बनाई। कम खर्च में बने एलईडी बल्व ने सस्ते और टिकाऊ होने से जल्द ही बाजार में पहचान बना ली। इसके बाद कारोबार बढ़ता ही चला गया। आज लाइत्स एलईडी बल्व की डिमांड काफी बढ़ गई है।

स्ट्रीट लाइट ड्राइवर और सोलर लाइट भी बनाई

अभिनव ने एलईडी बल्व के अलावा स्ट्रीट लाइट के ड्राइवर भी बनाए हैं जो नामी गिरामी कंपनियों से काफी सस्ते हैं। सोलर लाइट भी तैयार की है, जिसमें इंटीग्रेटेड सोलर सिस्टम के तहत बैटरी इसके अंदर ही फिट होती है। ड्राई बैटरी होने के कारण पांच वर्ष तक यह खराब नहीं होती है।

शहर के युवाओं को देंगे रोजगार

अभिनव बताते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए स्टार्टअप इंडिया अच्छी मुहिम है। वह जल्द ही मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट छिबरामऊ में शुरू करेंगे, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। वह बताते हैं कि रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत वह जर्मनी गए थे। उनकी कंपनी का नाम लाइत्स भी एक जर्मन नाम है। उनके उत्पाद भारत के अलावा नेपाल में भी जा रहे हैं। पिता अलकेश त्रिपाठी कंपनी में अकाउंटेंट का काम देखते हैं तो माता संध्या त्रिपाठी राजनीति में सक्रिय हैं।


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