बुखार पीड़ित बच्चों के लिए एलएलआर अस्पताल में सात दिन में होंगे 200 बेड
बुखार के बढ़ते कहर को देखते हुए बच्चों के इलाज की व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे मंडलायुक्
जागरण संवाददाता, कानपुर : जिले में वायरल संक्रमण, बुखार, मलेरिया और डेंगू के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने एलएलआर अस्पताल (हैलट) में जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बुखार पीड़ित बच्चों के इलाज की व्यवस्था देखने के लिए वे मेटरनिटी विग स्थित पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) गए और वहां की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई। मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने कहा कि डाक्टर बच्चों का इलाज कर रहे हैं, जरूरी दवाएं भी हैं। बच्चों के लिए 120 बेड थे, जिन्हें बढ़ाकर 144 कर दिया गया है। एक सप्ताह में बेड बढ़ाकर 200 कर दिए जाएंगे। जैसे-जैसे बुखार पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ेगी, मेटरनिटी विग में बेड बढ़ाते जाएंगे।
मंडलायुक्त डा. राजशेखर, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. जीके मिश्रा और सीएमओ डा. नैपाल सिंह के साथ सुबह 11 बजे एलएलआर अस्पताल पहुंचे। सबसे पहले मेटरनिटी विग के तीसरी मंजिल स्थित पीआइसीयू गए। वहां मंडलायुक्त को प्राचार्य प्रो. संजय काला, बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव और डा. नेहा अग्रवाल से बच्चों की स्थिति और इलाज के बारे में बताया। उन्हें दवाओं की उपलब्धता और सुविधाओं की जानकारी भी दी। प्राचार्य ने कहा कि अगर बच्चे बढ़ते हैं तो उनके लिए बेड की कमी नहीं होने पाएगी। वहां से मंडलायुक्त एलएलआर इमरजेंसी गए और स्थिति का जायजा लिया। मेडिसिन आइसीयू जाकर मरीजों से इलाज के बारे भी जानकारी ली। इस दौरान जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला, प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या, सीएमएस डा. शुभ्रांशु शुक्ला एवं बाल रोग के सीएमएस डा. मनीष यादव साथ रहे।
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ई-फार्मेसी से इमरजेंसी, आइसीयू व वार्डों को जोड़ें
मंडलायुक्त ने ई-फार्मेसी से इमरजेंसी, आइसीयू और सभी वार्डों को जोड़ने के लिए प्राचार्य से पूछा। इस पर प्राचार्य प्रो. संजय काला ने एक माह में पूरी तरह से क्रियाशील करने की बात कही है। मंडलायुक्त ने हर हाल में दवाओं की आनलाइन इंडेंट व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
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नए पंजीकरण काउंटर की जगह दिखाई
इमरजेंसी से निकलने के बाद मंडलायुक्त डा. राजशेखर को लेकर प्राचार्य प्रो. काला एलएलआर अस्पताल की कैंटीन के समीप प्रस्तावित नए पंजीकरण काउंटर के स्थान पर ले गए। उन्हें जगह दिखाते हुए बताया कि मरीजों की अधिक भीड़ होने से दिक्कत होती है। कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं हो पाता है। इसलिए 12 पंजीकरण काउंटर बनाने का प्रस्ताव तैयार कराया गया है।