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हौसलों की उड़ान से पीसीएस परीक्षा में लिखी सफलता की इबारत

यूपी पीसीएस-2020 का फाइनल परीक्षा परिणाम सोमवार को घोषित कर दिए गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 02:10 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 02:10 AM (IST)
हौसलों की उड़ान से पीसीएस परीक्षा में लिखी सफलता की इबारत
हौसलों की उड़ान से पीसीएस परीक्षा में लिखी सफलता की इबारत

जागरण संवाददाता, कानपुर : यूपी पीसीएस-2020 का फाइनल परीक्षा परिणाम सोमवार को घोषित कर दिया गया। शहर से करीब 20 छात्र छात्राओं ने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। किसी के माता-पिता उनके प्रेरणाश्रोत रहे तो किसी को वरिष्ठ छात्रों ने सफलता की राह दिखाई।

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बिटिया के अफसर बनने की ख्वाहिश हुई पूरी

जिला युवा कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित विकास नगर निवासी आस्था पांडेय के पिता तरुण कुमार पांडेय अपनी बिटिया के अफसर बनने पर फूले नहीं समा रहे हैं। उनका सपना था कि बेटी अधिकारी बने सो पूरा हो गया। आस्था बताती हैं कि माता रंजना पांडेय भी उनकी इस सफलता के लिए रात-रात भर जगी हैं। अब वह आइएएस के लिए प्रयास करेंगी।

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बड़े मामा ने दिखाई राह

सहायक आयुक्त उद्योग के पद पर चयनित हुए शरद चौधरी के बड़े मामा राकेश कनौजिया ने उन्हें पीसीएस की राह दिखाई थी। आवास विकास-1 निवासी शरद के पिता सुरेश चौधरी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक व मां सावित्री चौधरी गृहणी हैं। इससे पहले शरद का चयन पीसीएस-2018 में जिला बचत अधिकारी के पद पर भी हो चुका है। वह आइएएस अधिकारी बनना चाहते हैं।

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असफलता के बीच भाई ने बढ़ाया हौसला

डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित श्वेता साहू को जब बार-बार इस परीक्षा में असफलता मिली तो उनका हौसला टूट गया। ऐसे में पुणे स्थित एक मल्टी नेशनल कंपनी में लीड इंजीनियर के पद पर कार्यरत उनके बड़े भाई अभिषेक साहू ने उसका हौसला बढ़ाया और नतीजा सामने है। बर्रा-बाईपास स्थित सैनिक विहार निवासी श्वेता ने बताया कि उनके पिता दिगपाल साहू सेवानिवृत्त अभियंता व मां कांता साहू गृहणी हैं।

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साक्षात्कार के लिए शहर में किया ऑनलाइन कोर्स

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित अनिरुद्ध पांडेय प्रयागराज के हैं। उन्होंने शहर में ऑनलाइन साक्षात्कार की तैयारी की जिसके बाद यहीं से उन्हें राह भी नजर आई। उनके पिता आदर्श पांडेय सेना से सेवानिवृत्त हैं जबकि मां मंजू पांडेय गृहणी हैं।

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घर में पढ़ाई के माहौल से मिलती रही सफलता

जिला युवा कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित हुए करनाल निवासी मयंक कुंडू के पिता डॉ. रणधीर सिंह कुंडू एक डिग्री कॉलेज से प्रोफेसर व मां निशा कुंडू एक सरकारी स्कूल में प्रिसिपल के पद से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने भी पीसीएस के साक्षात्कार के लिए शहर से ऑनलाइन कोर्स किया था।

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पिता ने दिखाई राह, चलकर पाई सफलता

बाल विकास योजना अधिकारी के पद चयनित राहुल कुमार बिहार गया के रहने वाले हैं। उन्होंने भी कानपुर से पीसीएस की तैयारी की। उनके पिता विमलेश कुमार वकील हैं, जिन्होंने उन्हें पीसीएस की राह दिखाई। मां विभा देवी ने उनका कदम कदम पर साथ दिया। वह आइएएस की तैयारी करना चाहते हैं।

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पिता किसान, बेटा बना अधिकारी

जिला युवा कल्याण अधिकारी के पद पर चयनित देवेंद्र कुमार के पिता सुरेश चंद्र किसान व मां गीता देवी गृहणी हैं। बर्रा विश्व बैंक में रहने वाले देवेंद्र कुमार बताते हैं पिता ने उन्हें अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। वह नौकरी करने के साथ आइएएस की तैयारी करेंगे।

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नौकरी के साथ की तैयारी

वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के पद पर चुने गए अजय मिश्रा रेलबाजार में रहते हैं। उनके पिता केडी मिश्रा प्राइवेट नौकरी करते थे, जबकि मां इंद्रकली मिश्रा गृहणी हैं। अजय ने बताया कि वह इन दिनों सहायक विकास अधिकारी उन्नाव में कार्यरत हैं। वह 2008 बैच में लोअर पीसीएस हुए थे जबकि 2013 में ऑडीटर के पद पर चयनित हो चुके हैं।

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खुद बनीं अपनी प्रेरणाश्रोत

बेसिक शिक्षा अधिकारी बनीं कल्पना जायसवाल अपनी प्रेरणास्त्रोत खुद हैं। मुंशीपुरवा टाटमिल निवासी कल्पना बताती हैं कि उनके पिता शंकर प्रसाद जायसवाल व्यापारी व मां कांति देवी गृहणी हैं। वह इससे पहले भी परीक्षा पास करके इन दिनों इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

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गुरुओं के मार्गदर्शन में पाई सफलता

बाल विकास परियोजना अधिकारी आस्था द्विवेदी यूं तो फतेहपुर निवासी हैं, लेकिन उन्हें पीसीएस की तैयारी का मार्गदर्शन उन्हें कानपुर में मिला। आरके सफ्फड़, ओम प्रकाश डालमिया, रंजना व विभु चतुर्वेदी इन गुरुओं ने उन्हें इसके लिए तैयार कराया। आस्था के पिता सुरेश द्विवेदी किसान व मां मनोरमा द्विवेदी गृहणी हैं।


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