अस्सी फीसद सहकारी समितियां नहीं भर रहीं रिटर्न, लगेगा जुर्माना
80 फीसद सहकारी समितियां अपने रिटर्न दाखिल नहीं कर रही हैं।
By Edited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:22 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:40 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : 80 फीसद सहकारी समितियां अपने रिटर्न दाखिल नहीं कर रही हैं। इन संस्थाओं को धारा 80 पी के तहत कटौती से छूट प्राप्त है लेकिन रिटर्न भरने की स्थिति में ही। अगर वे रिटर्न नहीं भरेंगी तो उन्हें छूट तो नहीं मिलेगी, साथ ही जुर्माना भी लगेगा। यह जानकारी बुधवार को स्टाक एक्सचेंज के सभागार में आयोजित आउटरीच कार्यक्रम में आयकर अधिकारियों ने सहकारी संस्थाओं से आए पदाधिकारियों को दी।
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए 30 सितंबर तक रिटर्न जरूर दाखिल कर दें। अपर आयकर आयुक्त गरिमा चौधरी ने बताया कि सहकारी समितियों को आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य है। उप आयकर आयुक्त शैलेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि कानपुर में मौजूद 80 फीसद से ज्यादा सहकारी समितियां बिना आयकर विवरणी दाखिल किए आयकर अधिनियम की धारा 80पी के तहत कटौती कर लेती हैं। यह आयकर अधिनियम की धारा 80ए(5) का उल्लंघन है।
उनके अनुसार अगर सहकारी समितियों को बैंक के ब्याज या अन्य किसी मद से आय होती है तो वह चाहे एक रुपये की हो, उसे बताना होगा। वित्त अधिनियम 2018 के अनुसार सोसाइटी को अन्य स्त्रोतों से होने वाली 10 हजार तक की आय पर 10 फीसद, 10 से 20 हजार तक की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स देना है। कार्यक्रम का संचालन आयकर निरीक्षक शरद प्रकाश अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में अपर आयकर आयुक्त एके श्रीवास्तव, राजीव मेहरोत्रा, जगदीश चंद्रा, एमएल जैन, सहायक रजिस्ट्रार आफ सोसाइटी (कोऑपरेटिव) संतोष यादव, गीता कपूर, राकेश मेहरोत्रा, मनमोहन मिश्रा, प्रवीण बाजपेई, आशा कुशवाहा, प्रेम गुप्ता, पायल शुक्ला, दीप्ति कटियार, श्रवण पाठक, उमेश कुशवाहा आदि रहे।
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए 30 सितंबर तक रिटर्न जरूर दाखिल कर दें। अपर आयकर आयुक्त गरिमा चौधरी ने बताया कि सहकारी समितियों को आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य है। उप आयकर आयुक्त शैलेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि कानपुर में मौजूद 80 फीसद से ज्यादा सहकारी समितियां बिना आयकर विवरणी दाखिल किए आयकर अधिनियम की धारा 80पी के तहत कटौती कर लेती हैं। यह आयकर अधिनियम की धारा 80ए(5) का उल्लंघन है।
उनके अनुसार अगर सहकारी समितियों को बैंक के ब्याज या अन्य किसी मद से आय होती है तो वह चाहे एक रुपये की हो, उसे बताना होगा। वित्त अधिनियम 2018 के अनुसार सोसाइटी को अन्य स्त्रोतों से होने वाली 10 हजार तक की आय पर 10 फीसद, 10 से 20 हजार तक की आय पर 20 फीसद की दर से टैक्स देना है। कार्यक्रम का संचालन आयकर निरीक्षक शरद प्रकाश अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में अपर आयकर आयुक्त एके श्रीवास्तव, राजीव मेहरोत्रा, जगदीश चंद्रा, एमएल जैन, सहायक रजिस्ट्रार आफ सोसाइटी (कोऑपरेटिव) संतोष यादव, गीता कपूर, राकेश मेहरोत्रा, मनमोहन मिश्रा, प्रवीण बाजपेई, आशा कुशवाहा, प्रेम गुप्ता, पायल शुक्ला, दीप्ति कटियार, श्रवण पाठक, उमेश कुशवाहा आदि रहे।
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