मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक बिल के खिलाफ महिलाओं को आंदोलन से रोका
ट्रिपल तलाक बिल के विरोध में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर मुस्लिम संगठनों ने महिलाओं के तीन तलाक बिल का विरोध करने पर रोक लगाई है।
जमीर सिद्दीकी, कानपुर : ट्रिपल तलाक बिल के विरोध में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर देशभर में पिछले दो माह से कई मुस्लिम संगठन महिलाओं को आगे करके आंदोलन चला रहे थे। बोर्ड ने अब निर्देश दिया है, ट्रिपल तलाक बिल पर ख्वातीनों का आंदोलन रोका जाए। दिल्ली में चार अप्रैल को प्रस्तावित महिलाओं का आंदोलन अंतिम होगा। इसके देश में कोई आंदोलन नहीं होगा।
पर्सनल लॉ बोर्ड के महामंत्री मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने बोर्ड के पदाधिकारियों, सदस्यों, मुस्लिम संगठनों को इस बाबत दो अप्रैल को जामियानगर नई दिल्ली कार्यालय से निर्देश जारी किए हैं। कहा कि शरीयत की हिफाजत के लिए जिस तरह महिलाएं घरों से निकलीं हैं, ऐतिहासिक है। पिछले दो माह से पूरे देश ट्रिपल तलाक बिल पर मुस्लिम बहनों ने सरगर्मी दिखाई, शरीयत की हिफाजत के लिए शरई दायरे में रहकर जुलूस निकाले। ज्ञापन देने सरकारी कार्यालय तक पैदल गई। यह कार्य काबिल ए मुबारकबाद है, मगर महिलाओं का यह आंदोलन चार अप्रैल के बाद अब रोका जाना चाहिए।
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तहफ्फुज शरीयत कमेटी बनाएं
बोर्ड के महामंत्री ने संगठनों से कहा है कि क्षेत्रीय स्तर पर तेजतर्रार महिलाओं की एक तहफ्फुज शरीयत कमेटी बनाएं और समाज सुधार का काम करें। उधर बोर्ड सदस्य एवं फैज-ए-आम इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि शहर में कमेटी के लिए महिला सदस्यों की सूची तैयार करने के काम शुरू हो गया है। जल्द ही बोर्ड की महिला विंग की प्रमुख को सूची भेजी जाएगी।
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ख्वातीन विंग मजबूत करें
मुस्लिम महिलाओं विशेषकर नई पीढ़ी की युवतियों से बोर्ड ने आह्वान किया है कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महिला विंग की प्रमुख इस्मा जहरा से हैदराबाद में संपर्क करके बोर्ड में शामिल हों।
-- जितना दबाव बनाना था, बना चुके
शरीयत की रोशनी में क्या आंदोलन के लिए महिलाओं का बाहर निकलना गलत है या पर्सनल लॉ बोर्ड आंदोलन को ही गलत मान रहा है, इस पर बोर्ड सदस्य मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि महिलाओं ने शरीयत के दायरे में रहकर ही शरीयत की हिफाजत के लिए अपनी बात रखी। जहां तक आंदोलन पर रोक की बात है तो अब इसकी जरूरत नहीं। ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार पर जितना दबाव बनाना था, बन गया। महिलाओं ने सरकार को पैगाम दे दिया कि शरीयत से छेड़छाड़ नहीं करें।