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63 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी गंगा में गिर रहा सीसामऊ नाला

आज भी गंगा में धड़ल्ले से सीसामऊ नाला गिर रहा है जबकि इसे रोकने के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 01:45 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:23 AM (IST)
63 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी गंगा में गिर रहा सीसामऊ नाला
63 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी गंगा में गिर रहा सीसामऊ नाला

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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आज भी गंगा में धड़ल्ले से सीसामऊ नाला गिर रहा है जबकि इसे रोकने के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अब मैनहोल की सफाई न होने का बहाना बनाकर सीसामऊ नाला खोल दिया गया है। नाला बंद करते समय ही सीवर लाइन की सफाई हो जाती तो यह स्थिति नहीं आती। प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए अभियंताओं से लेकर सीवर लाइन साफ करने वाली कंपनी ने तेजी पकड़ी है। सत्तीचौरा, गोलाघाट, रानी घाट व डबका घाट में धड़ल्ले से नाला गिर रहा है।

छह गुनहगार पर कार्रवाई, फिर भी व्यवस्था फेल

गंगा सफाई में लापरवाही बरतने में जल निगम के दो महाप्रबंधक समेत छह अभियंता निलंबित हो चुके हैं। इसके बाद भी गंगा में नाले गिर रहे हैं। सीसामऊ नाले का छह करोड़ लीटर दूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। जल संस्थान मंत्री ने जनवरी वर्ष 2019 में रिपोर्ट दी थी कि सीसामऊ नाला अब गंगा में नहीं गिरेगा। सीसामऊ, परमट, नवाबगंज, म्योर मिल नाला, परमियापुरवा नाला और गुप्तार घाट नाला 63 करोड़ रुपये से बंद करने की जिम्मेदारी जीएस जॉली दिल्ली को जिम्मेदारी दी गई थी। गंगा से जुड़े 34 वार्डो की सीवर लाइन साफ करने की जिम्मेदारी सृष्टि कंपनी को दी गई थी। 370 करोड़ रुपये से मार्च 2020 तक सफाई करनी है। इसमें अधिकांश वार्डो की सीवर लाइन सीसामऊ नाले से जुड़ी है। फूलबाग से जाजमऊ ट्रीटमेंट प्लांट जाने वाली मुख्य सीवर लाइन की सफाई नाला बंद होने के समय पहले करने को कंपनी से कहा गया था। अभियंताओं की आपसी खींचतान में नाले बंद हो गए लेकिन, सीवर लाइन नहीं साफ हुई। अब सीवर लाइन सफाई को लेकर नाले खोल दिए गए हैं।

नालों को रोकने के लिए कागजी कदम

कुंभ के समय नालों को बायोरेमिडेएशन के माध्यम से साफ करके गंगा में डाला जा रहा था। जून से यह भी बंद कर दिया गया। नालों को बंद करने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रोज गंगा में नालों से छह करोड़ लीटर दूषित पानी गिर रहा है।

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घाटों के सुंदरीकरण में लगे पत्थर टूटने लगे

नमामि गंगे के तहत घाटों का सुंदरीकरण किया गया है। घाटों में लगे पत्थर व प्लास्टर एक साल में ही उखड़ने लगा है। सरसैया घाट, मैस्कर घाट और परमट घाट में कई जगह पत्थर उखड़ गए हैं। सफाई न होने के कारण घाटों में गंदगी फैली पड़ी है। सरसैया घाट पर लोगों ने कब्जा कर रखा है।

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चोर नालों को बंद करने की कोई कार्ययोजना नहीं

गंगा में चोर नालों से रोज दो करोड़ लीटर से ज्यादा दूषित पानी गंगा में गिर रहा है। इन नालों को बंद करने के लिए कार्ययोजना नहीं तैयार की गई है।

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सीवर सफाई के कारण नाला खोला गया है। पानी भरने पर सफाई नहीं हो सकती है।

- अनिल गुप्ता, मुख्य अभियंता जल निगम


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