हाईवे पर यातायात में बाधा बने गैर लाइसेंसी 600 भवनों पर चलेगा बुलडोजर Kanpur News
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों ने मंत्रालय को भेजी इन भवनों की सूची कई बार चेतावनी और नोटिस के बावजूद नही हटाए भवन।
कानपुर, जेएनएन। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के मानकों के विपरीत और गैर लाइसेंसी छह सौ भवनों पर बुलडोजर चलने वाला है। कानपुर से जुड़े तीन प्रमुख हाईवे पर ऐसे भवनों की रिपोर्ट एनएचएआइ अफसरों ने भूतल परिवहन मंत्रालय को भेज दी है। इन भवनों को पहले भी प्राधिकरण नोटिस जारी कर चुका है।
कानपुर से घाटमपुर, हमीरपुर होते हुए कबरई राष्ट्रीय राजमार्ग, बारा टोल नाके से उरई तक झांसी हाईवे और उन्नाव से लालगंज हाईवे पर बड़े पैमाने पर बिना अनुमति के व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। यहां सैकड़ों ऐसे होटल, ढाबे, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल आदि बना लिए गए हैं, जिनमें से कुछ तो एनएचएआइ की भूमि पर भी अतिक्रमण किए हैं। कुछ ऐसे हैं, जिनकी पार्किंग भी एनएचएआइ की जमीन पर ही होती है। इससे अक्सर हादसे हो रहे हैं।
नियमानुसार इन भवनों को प्राधिकरण से प्रबंधन लाइसेंस लेना चाहिए। यह लाइसेंस कई शर्तों के आधार पर दिया जाता है। इससे हाईवे पर वाहनों का संचालन प्रभावित नहीं होता है। इस वजह से प्राधिकरण ने कई बार ऐसे भवनों को नोटिस जारी किए। काफी अतिक्रमण हटाया भी गया लेकिन इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर 600 भवनों ने वांछित मानकों का पालन नहीं किया। ऐसे में अब इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए भूतल परिवहन मंत्रालय को सूची भेज दी गई है।
क्या है नियम
राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ मध्य से 40 से 75 मीटर तक के दायरे में प्राधिकरण की अनुमति के बिना स्कूल, कालेज, होटल, ढाबा, अस्पताल आदि नहीं बन सकते। जिन्होंने बना लिया है उन्हें भू राजस्व की भांति प्रबंधन लाइसेंस शुल्क देना होगा।
लाइसेंस का शुल्क
- ग्रामीण क्षेत्र में हाइवे किनारे निर्माण के लिए 1.50 लाख शुल्क।
- 10 लाख की आबादी वाले शहरी क्षेत्र में 1.50 लाख रुपये।
- 10 से 20 लाख तक की आबादी वाले शहर में तीन लाख रुपये।
- 20 लाख से ऊपर की आबादी वाले शहर में छह लाख रुपये।
इनका ये है कहना
कई बार इन भवन स्वामियों को चेतावनी दी, नोटिस भी जारी किए लेकिन इन लोगों ने लाइसेंस नहीं लिया। मंत्रालय पूरे देश में ऐसे भवनों के खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है। इसमें ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी होगी, पूरी सूची मंत्रालय को भेज दी है।
पुरुषोत्तम लाल चौधरी, निदेशक एनएचएआइ