आइआइटी कानपुर बनाएगा 5जी बेस स्टेशन, इंटरनेट स्पीड में होगा इजाफा
इंटरनेट की 4जी स्पीड से असंतुष्ट देशवासियों के लिए अच्छी खबर है। आइआइटी कानपुर जल्द ही 5जी बेस स्टेशन स्थापित करने वाला है। इसका पूरा सेटअप तैयार हो गया है
कानपुर (जेएनएन)। इंटरनेट की 4जी स्पीड से असंतुष्ट देशवासियों के लिए अच्छी खबर है। आइआइटी कानपुर जल्द ही 5जी बेस स्टेशन स्थापित करने वाला है। इसका पूरा सेटअप तैयार हो गया है। इलेक्ट्रिकल विभाग की फैकल्टी, बीटेक, एमटेक के छात्र-छात्राओं समेत कुल 13 सदस्यीय टीम कवायद में जुटी है। आइआइटी को यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की ओर से तीन साल के लिए मिला है। आइआइटी के प्रोफेसरों का दावा है कि वर्ष 2020 से पहले यह बेस स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा। इससे लोगों को कई तरह के फायदे होंगे। इलेक्ट्रिकल विभाग के प्रो. रोहित बुद्धिराजा ने बताया कि बेस स्टेशन बन जाने से इंटरनेट की स्पीड में इजाफा होगा। इसके बाद मोबाइल नेटवर्क कंपनियों से इस संबंध में बातचीत की जाएगी।
ब्राडबैंड के साथ वायरलेस नेटवर्क की बड़ी भूमिका
गुरुवार को आइआइटी कानपुर में '5जी कम्यूनिकेशन- ड्राइविंग दी फ्यूचर' विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें भारतीय मानक ब्यूरो के उपमहानिदेशक एचएल उपेंद्र, आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर, उद्यमी, विभिन्न संस्थानों से आए छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। प्रो.अभय करंदीकर ने बताया कि भविष्य में ब्राडबैंड कनेक्शन के साथ-साथ वायरलेस नेटवर्क की बहुत बड़ी भूमिका होगी। इसलिए 5जी तकनीक पर शोध कार्य किया जा रहा है। एचएल उपेंद्र ने बताया कि 5जी तकनीक का असर केवल इलेक्ट्रिकल के क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। इसका प्रभाव जैविक समेत अन्य क्षेत्रों में भी दिखेगा। द इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियर्स की ओर से आए श्रीकांत चंद्रशेखरन ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स की जानकारी दी। वहीं, विप्रो कंपनी से आए वरिष्ठ पदाधिकारी सुभाष मंडल ने 5जी तकनीक से जुड़े आंकड़े प्रस्तुत किए।