सरकारी धन में बंदरबांट, गांवों के विकास कार्य में 50 करोड़ का घोटाला Kanpur News
वर्ष 2004-05 से वर्ष 2015-16 तक के विकास कार्यों में हुआ खेल ककवन बिल्हौर घाटमपुर और कल्याणपुर में बिना हिसाब-किताब किया गया खर्च।
कानपुर, जेएनएन। गांवों के विकास कार्य में घोटाले रुक नहीं रहे हैं। बीते वर्ष हुए ऑडिट में फिर 50 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। कानपुर जिले के घाटमपुर, बिल्हौर, ककवन और कल्याणपुर ब्लाक के सौ से अधिक गांवों में विकास के नाम पर 50 करोड़ रुपये ऐसे खर्च किए गए हैं, जिनका कोई हिसाब-किताब नहीं मिला है। यह राशि शासन ने राज्य वित्त व अन्य योजनाओं के माध्यम से दी थी।
सहकारी समिति एवं पंचायत विभाग के किए गए ऑडिट में घोटाला सामने आने के बाद जिला लेखा परीक्षा अधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी रिपोर्ट भेजकर आरोपित ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिवों पर उचित कार्रवाई कर आख्या देने के लिए कहा है। गांव के पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी है कि विकास कार्य में लगने वाली निर्माण सामग्री की खरीद का बिल, बाउचर लें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सहकारी समितियां एवं पंचायतें विभाग के लेखा परीक्षकों ने दो साल पहले इन ब्लाकों में अलग- अलग गांवों में विभिन्न वित्तीय वर्षों के विकास कार्यों का ऑडिट किया तो पाया कि किसी के पास कोई अभिलेख नहीं है। लेखा परीक्षकों ने निष्कर्ष दिया कि विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का गबन हुआ। रिपोर्ट आने के बाद सहकारी समितियां एवं पंचायतें विभाग की ओर से पंचायती राज विभाग को पत्र लिखकर हर हाल में वसूली और कार्रवाई के लिए कहा गया।
कई वर्षों की है ऑडिट रिपोर्ट
ऑडिटर ने वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2015-16 के मध्य हुए विकास कार्यों का ऑडिट किया। इसमें ककवन ब्लाक के 25 गांवों में 10.60 करोड़ रुपये का घोटाला पकड़ा गया। इनमें कसिगवां, मुनौव्वरपुर बिल्हौर, उत्तमपुर, इब्राहिमपुर रौंस, दलेलपुर, जमालपुर, आराजी इशेपुर गांव शामिल हैं। बिल्हौर ब्लाक के 45 गांवों में 19 करोड़ का घोटाला सामने आया। इनमें निवादा धमनू, लालपुर, सजंतीबादशाहपुर आदि गांव शामिल हैं। कल्याणपुर ब्लाक के 40 गांवों में 14 करोड़ का घोटाला सामने आया। घाटमपुर ब्लाक में भी 6 करोड़ रुपये का हेरफेर मिला।
जिम्मेदारों का ये है कहना
विभिन्न वर्षों के ऑडिट में अनियमितता मिलने पर रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजी गई है। कार्रवाई डीपीआरओ को ही करनी है।
- शेषनाग सिंह, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एवं पंचायतें
जिन गांवों की ऑडिट रिपोर्ट मिली है, वहां के सचिवों और प्रधानों से आख्या मांगी गई। कुछ प्रधानों व सचिवों को रिकवरी नोटिस भी जारी किया गया है।
- सर्वेश पांडेय, डीपीआरओ