डाक विभाग में फर्जीवाड़ा, 33 हजार के फर्जी टिकट लगा पोस्ट कर दी डाक Kanpur News
उपयोग किए हुए लगा दिए टिकट मुंबई में मामला पकड़ में आने के बाद चीफ पोस्ट मास्टर को सौंपी गई जांच।
कानपुर, जेएनएन। डाक विभाग में जिनके कंधों पर खजाना जुटाने का जिम्मा है, वही विभाग को कंगाल बनाने में जुटे हैं। इससे पर्दा तब उठा जब कर्मचारियों ने 33 हजार रुपये के फर्जी टिकट लगा डाक पोस्ट कर दी। मुंबई में मामला पकड़ में आया तो चीफ पोस्ट मास्टर जनरल से शिकायत हुई। जिसके बाद चीफ पोस्ट मास्टर को जांच सौंपी गई है।
डाक विभाग में कई ऐसी शाखाएं हैं जिनका कार्य व्यापार को बढ़ाना है। ऐसी ही एक शाखा है बिजनेस पोस्ट। इसका काम कंपनियों, एजेंसियों और फर्मों की डाक बल्क (थोक) में लेकर पोस्ट करना है। एक माह पहले शहर में कार्यरत निजी कंपनी ने देश भर में अपने उपभोक्ताओं को 8,423 डाक भेजी थी। सूत्रों के मुताबिक बिजनेस पोस्ट में कार्यरत डाक कर्मी ने कंपनी से चेक के बजाय नकद धनराशि ले ली। लिफाफा 56 ग्राम का था लिहाजा सात रुपये का डाक टिकट लगना था लेकिन कर्मचारियों ने चार-चार रुपये की दो डाक टिकट लगाईं। इसमें एक टिकट सही था जबकि दूसरा उपयोग (डिफेस) किया हुआ था। इस तरह 8,423 लिफाफों पर 33,692 रुपये के फर्जी टिकट लगाए गए। सूत्रों की मानें तो होमी जहांगीर भाभा की चार रुपये की जो डिफेस टिकट लगाई गई है वह तीन साल से प्रधान डाकघर बड़ा चौराहा आई ही नहीं। मुंबई में मामला पकड़ में आया।
थोक डाक टिकटों पर फैकिंग मशीन से होती है टैगिंग
दरअसल बिजनेस पोस्ट के जरिये भेजी जाने वाली डाक पर फैकिंग मशीन से टैगिंग की जाती है, जिससे लिफाफे पर तारीख और धनराशि उभरकर आ जाती है और डाक टिकट नहीं लगाना पड़ता। इससे विभाग को फायदा होता है। इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
इनका ये है कहना
मामले की शिकायत पोस्ट मास्टर जनरल से की है। मिलीभगत से इस पूरे खेल को अंजाम दिया गया है। जांच रिपोर्ट में सब साफ हो जाएगा।
-राजेंद्र कुरील, कर्मचारी नेता
प्रथमदृष्ट्या डाक टिकट को संदिग्ध बताया गया है। जांच चीफ पोस्ट मास्टर को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ स्पष्ट कह सकता हूं। डिफेस डाक टिकटों का प्रयोग हुआ है तो दोषी पर सख्त कार्रवाई होगी।
-विनोद कुमार वर्मा, पोस्टमास्टर जनरल कानपुर परिक्षेत्र कानपुर