गंगा प्रदूषण को लेकर जल निगम पर तीन लाख का जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम पर गंगा प्रदूषित करने को लेकर तीन लाख का जुर्माना लगाया है
जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निगम पर गंगा प्रदूषित करने को लेकर तीन लाख का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई बिनगवां स्थित 210 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से छह बार लिए गए नमूने अमानक मिलने पर की गई। बोर्ड सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, जल निगम के महाप्रबंधक को नोटिस भेजा है। जुर्माने की राशि सात दिन के अंदर बैंक ऑफ इंडिया की गोमती नगर शाखा में जमा करनी होगी।
छह बार लिए गए नमूने
कानपुर क्षेत्र का घरेलू सीवेज 210 एमएलडी के एसटीपी से शोधित होता है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने 5, 7, 8, 19 फरवरी, 19 व 27 मार्च को एसटीपी से शोधित हुए पानी के नमूने लिए। उन नमूनों की रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली आयी। पानी शोधित होने के बावजूद उनमें प्रदूषण की मात्रा मानक से कई गुणा अधिक मिली।
एनजीटी के निर्देशों पर कार्रवाई
प्रदूषण अधिकारियों के मुताबिक एसटीपी के सुचारू रूप से संचालन नहीं किए जाने के कारण दूषित कारक पांडु नदी में निस्तारित किया गया। यह नदी आगे जाकर गंगा में मिलती है। एनजीटी के निर्देशों पर कार्रवाई की गई।
प्रत्येक नमूना फेल होने पर 50 हजार जुर्माना
प्रत्येक नमूने के फेल होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। छह बार फेल होने पर जुर्माने की राशि तीन लाख हो गई है।
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जुनैद टेनरी पर 10 लाख का जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंदी शर्तो का उल्लंघन कर उद्योग संचालित करने में जुनैद टेनरी पर 10,37,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि 15 दिन के अंदर जमा करनी होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने शासन की टीम के साथ नौ अप्रैल को जाजमऊ क्षेत्र का निरीक्षण किया था, जिसमें टेनरी संचालित होते हुए मिली। बोर्ड के सचिव ने 17 जनवरी से नौ अप्रैल तक प्रतिदिन के हिसाब से 12,500 का जुर्माना लगाया। कुल 83 दिन की जुर्माना राशि 10,37,500 रुपये हो गई।