दूसरों के खाते में जा रही थी 213 किसानों की सम्मान निधि, रोकी
- गलत खाते फीड होने से दूसरे में चला गया धन अब कराई जा रही है जांच - कुछ दिवंगत किसानों क
केस एक
चौबेपुर के सीताराम की किसान सम्मान निधि दूसरे के खाते में जा रही है। दो किश्त का पैसा नहीं आने पर बैंक में जानकारी की पता चला कि धन तो दूसरे के खाते में चला गया। शिकायत पर कृषि अफसरों ने सम्मान निधि जल्द दिलाने का आश्वासन दिया है। केस दो
कल्याणपुर ब्लॉक के लालाराम की सम्मान निधि दूसरे गांव के किसान के खाते में जा रही है। दो किश्त नहीं आने पर कृषि विभाग में जानकारी की तो पता चला कि दूसरे के खाते में रकम चली गई लेकिन अब रोक दी गई है। अब उन्होंने नए सिरे से आवेदन किया है। जागरण संवाददाता, कानपुर : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 213 मामलों में धनराशि खेत मालिक के बजाय दूसरे के खाते में जा रही थी। किसानों की शिकायत पर कृषि विभाग ने गलत खातों में रकम जाने से रोकी और अब जांच कराई जा रही है कि किसान ने फॉर्म में खाता संख्या गलत डाली या फीडिग गलत हुई। कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें किसान दिवंगत हो गए लेकिन धनराशि खातों में पहुंच गई। उन्हें चिह्नित कर निधन के बाद भेजी गई धनराशि वापस लेने की तैयारी है।
योजना के तहत किसानों को सालाना छह हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसका लाभ लेने के लिए किसान के नाम पर खतौनी, आधार कार्ड और बैंक खाता होना चाहिए। किसान के अभिलेख पूरे करने के बाद इन्हें कंप्यूटर पर फीड किया जाता है। कई किसान ऐसे भी सामने आए हैं जो पहले अपने रिश्तेदारों के खाता संख्या दे दिए। हालांकि बाद में सरकार ने व्यवस्था की कि जिसके नाम खतौनी, आधार कार्ड है, उसी का बैंक खाता होना चाहिए। सम्मान निधि ले चुके ऐसे दर्जनों खातों में धन भेजना बंद कर दिया गया है। उप निदेशक धीरेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों से नए सिरे से खतौनी, आधार कार्ड और खाता संख्या मांगी गई है। पोर्टल में नए सिरे से दस्तावेज चढ़वाकर किसानों के नए खाते में धनराशि भेजी जाएगी। गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। एक नजर में आंकड़े
2.25 लाख किसान हैं लाभार्थी
1.28 लाख किसानों के खाते में छठी किश्त भेजी गई है।
25 करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों में भेजी गई है।
14,400 के आधार कार्ड में नाम गलत है।
12, 780 लोगों के नाम खाते में गलत दर्ज है। ये हैं नियम
- किसान के नाम जमीन होनी चाहिए।
- खतौनी में नाम दर्ज होना चाहिए।
- आधार कार्ड और सेविग खाता होना चाहिए।
- तीनों में एक ही नाम होना चाहिए। पोर्टल में फार्म दर्ज होगा, स्वीकृति के बाद रकम खाते में जाएगी।