अब दुनिया देखेगी इन विशेष बच्चों का हुनर, सिंगापुर के मंच पर बिखेरेंगे चमक Kanpur News
नौ नवंबर को अमौसी हवाई अड्डे से रवाना होंगे कानपुर के 20 मूक-बधिर दिव्यांग बच्चे।
कानपुर, [राजीव सक्सेना]। वे बोल नहीं सकते, सुन भी नहीं सकते लेकिन दुनिया में उनका हुनर बोलने जा रहा है। उस देश के मंच पर, जहां जाना सबका सपना होता है। कानपुर के वह बीस बच्चे भारतीय संस्कृति को उतारेंगे, जो बचपन से मूक-बधिर दिव्यांग हैं। थिरकते मन के साथ अपने पैरों को थिरकाते हुए रामकृष्ण मिशन आश्रम में अभ्यास कर रहे इन बच्चों के चेहरे का आत्मविश्वास बता रहा है कि वह पूरी तैयारी से जा रहे हैं। उनके चेहरे की खुशी बता रही है कि उन्होंने जिसके बारे में सोचा तक नहीं था, वह होने जा रहा है। हवाई जहाज में यात्रा करना, समुद्र के ऊपर से उडऩा और दुनिया के स्मार्ट देशों में शुमार सिंगापुर में जाना, उनके लिए अनदेखे सपने के सच होने जैसा है। उन्हें यह मौका दे रही है दिव्यांग डेवलेपमेंट सोसाइटी।
सोसाइटी से जुड़े 20 मूक बधिर दिव्यांग बच्चे शनिवार शाम अपनी जिंदगी की अब तक की सबसे बेहतरीन उड़ान भरेंगे। उसकी कल्पना से ही आदर्श, हिमांशु, रोहित, जियांशु, सिमरन, सावी, आशीष, दीपक, रिषु सिंह, सेजल यादव और बाकी सब उत्साहित हैं। नौ नवंबर को लखनऊ एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले बच्चे सिंगापुर में उन सभी चीजों का प्रदर्शन करेंगे जो उन्होंने यहां सीखा। वह तीन लघु नाटिकाओं का मंचन भी करेंगे। एक्सचेंज प्रोग्र्राम के तहत सिंगापुर का एम्स ग्लोबल संगठन यह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह संगठन भी मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षित करता है। वहां की विशेष मांग पर ये बच्चे भारत का राष्ट्रगान भी गाएंगे। नौ से 16 नवंबर के बीच इन बच्चों को नई चीजें भी सीखने को मिलेंगी।
उन्हें खास तौर पर कम्युनिकेशन एंड सोशल स्किल के साथ क्रिएटिविटी सिखाई जाएगी। वे नेशनल डिजाइन सेंटर भी जाएंगे जहां उनके अंदर का मेकरप्रेन्योर उभारा जाएगा। वे क्या बना सकते हैं, इसे सामने लाया जाएगा। इन बच्चों को यह इंटरनेशनल एक्सपोजर यूं ही नहीं मिलने जा रहा। इसके पीछे शहर के तमाम लोगों का हाथ है जिन्होंने इस मुहिम में पर्दे के पीछे रहते हुए पूरा सहयोग किया। सोसाइटी की निदेशक मनप्रीत कौर के मुताबिक शनिवार को उड़ान भरने से पहले लखनऊ में भी कई जगह बच्चों को सम्मानित करने के लिए बुलाया गया है।